शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)
शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....
"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम
मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे
कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे
मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे
दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे
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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।
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Tuesday, 31 January 2012
Monday, 30 January 2012
हिन्दू और मुस्लिम का हमदम है शिर्डी में
ॐ साईं राम
हिन्दू और मुस्लिम का हमदम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
मंदिर की दीवारों में मस्जिद की मीनारों में
साईं का नज़ारा है देखो चाँद सितारों में
जन्नत की बहारों का मौसम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
कोई राम साईं कहता है कोई अल्लाह साईं कहता है
कोई कुछ भी चाहे कहता है वो सबके दिल में रहता है
है राम जन्म की धूम मोहर्रम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
साईं का करिश्मा है जब होठों को हिलाते हैं
मस्जिद में चिरागों को पानी से जलाते हैं
हर रोज़ दिवाली का वो आलम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
इक बार जो भी जाता है चलकर इंसान शिर्डी में
इंसान से वो मिलता है भगवान् साईं शिर्डी में
अब हर कोई कहता है क्या कम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
हिन्दू और मुस्लिम का हमदम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
●▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬●
-: आज का साईं सन्देश :-
दुविधा मेरे मन बसी,
कैसे मानूँ बात ।
पर नाना के तर्क से,
मिली मुझे सौग़ात ।।
शिर्डी जाना तह किया,
गलत रेल में बैठ ।
यवन रूप समझा गये,
सही ट्रेन में बैठ ।।
●▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬●
Sunday, 29 January 2012
Saturday, 28 January 2012
Friday, 27 January 2012
Thursday, 26 January 2012
2nd Anniversary of our Group....!!
ॐ सांई राम
आप सब को सूचित करते हुए हमें अति हर्ष की अनुभूति हो रही है, की आज के दिन ही साल 2009 को हमारे ग्रुप ने पालकी सेवा हेतु इस ग्रुप को नया आयाम दिया था,
इसी नाते आज हमारे ग्रुप की यह दूसरी वर्षगाँठ है ||
हम इस ग्रुप के माध्यम से आप सभी को आपके सहयोग हेतु आभार व्यक्त करते है | बाबा जी से प्रार्थना है की वह अपनी कृपा दृष्टि सभी पर बरसाने की कृपा करे ||
Kindly Provide Food & clean drinking Water to Birds & Other Animals,
This is also a kind of SEWA.
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श्री साई सच्चरित्र Chapter 42
ॐ सांई
राम
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं , हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है , हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 42 - महासमाधि की ओर
Wednesday, 25 January 2012
Tuesday, 24 January 2012
"माँ कैसी होती है"
ॐ सांई राम
"माँ कैसी होती है"
एक माँ थी जिसका एक लड़का था, बाप मर चुका था, माँ घरो में बर्तन मांजती थी बेटे को अपना पेट काटकर एक अच्छे अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाती थी,एक दिन स्कूल में किसी बच्चे ने उसके लड़के के आँख में पेंसिल मार
Monday, 23 January 2012
Sunday, 22 January 2012
श्री साईं कष्ट निवारण मंत्र
ॐ साईं राम
कष्टों की काली छाया दुखदायी है, जीवन में घोर उदासी लाई है ।
संकट को टालो सांई दुहाई है, तेरे सिवा ना कोई सहाई है ।
मेरे मन तेरी मूरत समाई है, हर पल हर क्षण महिमा गाई है ।
घर मेरे कष्टों की आँधी आई है, आपने क्यों मेरी सुध भुलाई है ।
तुम भोले नाथ हो दया निधान हो, तुम हनुमान हो महा बलवान हो ।
तुम्ही हो राम और तुम्ही श्याम हो, सारे जगत में तुम सबसे महान हो ।
Saturday, 21 January 2012
Friday, 20 January 2012
Thursday, 19 January 2012
आओ साईं - Remembering Megha - A Great Devotee of Baba
Dear Sai Devotees,
OM SRI SAI RAM to all...
Time to remember MEGHA, a great devotee of Baba. All Sai Devotees know about Megha and how he was fully devoted to Baba and how much Baba loved him in return.
OM SRI SAI RAM to all...
Time to remember MEGHA, a great devotee of Baba. All Sai Devotees know about Megha and how he was fully devoted to Baba and how much Baba loved him in return.
श्री साई सच्चरित्र Chapter 41
ॐ सांई राम
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं , हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है , हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 41 - चित्र की कथा, चिंदियों की चोरी और ज्ञानेश्वरी के पठन की कथा ।
Wednesday, 18 January 2012
SHIRDI SAIBABA TEACHES FAITH AND PATIENCE
Om Sai Ram to all....
Shri Sai Baba of Shirdi descended on the earth tolead man kind to the realm of eternity. As the divine mother He gave his immense love and as the divine father He gave direction to our search for truth. His mission was to make people conscious of their divine nature. The people who follow His teachings and preaching are indeed blessed souls. The cardinal principles of Sai Path are 'Shraddha' and 'Saburi'. Sai Baba explicitly asked for these twoqualities in His devotees by giving his self-experiential instance thathis 'Murshid' or Master asked from him only two pice - one Shraddha and other the Saburi.
Tuesday, 17 January 2012
Monday, 16 January 2012
Saturday, 14 January 2012
Thursday, 12 January 2012
श्री साई सच्चरित्र Chapter 40
ॐ सांई राम
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं , हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है , हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 40 - श्री साईबाबा की कथाएँ
Wednesday, 11 January 2012
Tuesday, 10 January 2012
SHIRDI SAIBABA PREACHED HARMONY AMONGST HINDUS & MUSLIMS
ॐ सांई राम
Sai Baba wanted peace and harmony amongst His devotees, whether they were Hindus, Muslims, Parsees or any other caste or religion. Once the Muslims were offering 'namaz' in Dwarkamai. Simultaneously, the Hindus were performing Bhajans, accompanied with musical instruments. The Muslims complained to Baba about this, saying that it was a hindrance to their worship. Baba, however, said, "Those who pray sincerely with concentration will not find any hindrance. So those who want to do 'namaz' devotedly may do so, and the rest may leave."
Monday, 9 January 2012
Saturday, 7 January 2012
Friday, 6 January 2012
Thursday, 5 January 2012
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 39 and English chapter 39
ॐ सांई राम
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं, हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है, हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 39 - बाबा का संस्कृत ज्ञान
Wednesday, 4 January 2012
BabaGiven eye sight to Shri Laxman Avare
ॐ सांई राम
BabaGiven eye sight to Shri Laxman Avare Thajanpur Chehedi
Shri Laxman Abaji Avare, Thajanpur Chthedi near Sinner, Nasik district was suffering from eye pain and water began to ooze from the eyes for about six months. His Eye sight has gone even though medicines were tried. Some one had advised him to go to Shirdi for permanent cure. He came to Shirdi with his mother for Baba's darshan on a Thursday. At that time slabs have been fixed in the "Sabha Mantap" of Dhwarakamai. Son and mother took Baba's darshan. Baba gave them udi and blessed them by saying "Allah Achchha Karega" They have gone to their home. Afterwards the pain and the water in the eyes have been ceased. From that time onwards they used to come to Shirdi on every Thursday for Baba's darshan. Likewise they came to Shirdi for six months.
Tuesday, 3 January 2012
Monday, 2 January 2012
Sunday, 1 January 2012
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बाबा के 11 वचन
ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.