साईं तेरे चरणों में दो फूल मै लाया हूँ
ॐ सांई राम
साईं तेरे चरणों में
बाबा तेरे चरणों में
दो फूल मै लाया हूँ
बड़ी श्रद्धा से लाया हूँ
करो अब दया मुझ पर
यूँ फेरो न मुंह मुझसे
साईं फेरो न मुंह मुझसे
बड़ी उम्मीद से आया हूँ
साईं तेरे चरणों में
साईं तेरे चरणों में
मैंने तो सुना साईं
भक्तों के लिए तुमने
कष्ट खुद ही सहे तुमने
दुःख खुद ही सहे तुमने
अर्जी मै भी लाया हूँ
साईं तेरे चरणों में
बाबा तेरे चरणों में
याद करे जो दिल से
दौड़े चले जाते हो
भक्तों को दिए थे जो
वो वचन निभाते हो
इसी भाव से आया हूँ
साईं तेरे चरणों में
साईं बाबा तेरे चरणों में
कहते हैं की तुम साईं
दुःख सबके हरते हो
श्रद्धा से जो आये
उसकी झोली भरते हो
ख़ाली झोली मै लाया हूँ
साईं तेरे चरणों में
बाबा तेरे चरणों में
दो फूल मै लाया हूँ
बड़ी श्रद्धा से लाया हूँ
भजन प्रस्तुति बहन रविंदर जी के कर कमलों से
Kindly Provide Food & clean drinking Water to Birds & Other Animals,
This is also a kind of SEWA.
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बाबा के 11 वचन
ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.