कल हमने पढ़ा था.. दयालु साईं बाबा
श्री साईं लीलाएं
कुत्ते की पूँछ
पंडितजी चुपचाप बैठे अपने भविष्य के विषय में चिंतन कर रहे थे| उन्हें पता ही नहीं चला कि कब एक आदमी उनके पास आकर खड़ा हो गया है| जब पंडितजी ने कुछ ध्यान न दिया तो, उसने स्वयं आवाज दी|
"राम-राम पंडितजी|"
पंडितजी चौंक गये|
"क्या बात है, किस सोच में पड़े हो ?"
ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. बाबा के विरुद्ध पंडितजी की साजिश
श्री साईं लीलाएं
दयालु साईं बाबा
दोपहर का समय था!
साईं बाबा खाना खाने के बाद अपने भक्तों से वार्तालाप कर रहे थे कि अचानक सारंगी के सुरों के साथ तबले पर पड़ी थाप से मस्जिद की गुम्बदें और मीनारें गूंज उठीं|
सब लोग चौंक उठे| दूसरे ही क्षण मस्जिद के दालान पर सारंगी के सुरों और तबलों की थापों के साथ घुंघरों की रुनझुन भी गूंज उठी| सभी शिष्य एक रूपसी नव नवयौवना की ओर देखने लगे| जिसके सुंदर बदन पर रेशमी घाघरा तथा चोली थी| जब वह नाचते हुए तेजी के साथ गोल-गोल चक्कर काटती थी, तो उसका रेशमी घाघरा गोरी-गोरी टांगों से ऊपर तक उठ जाता था|
ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. पानी से दीप जले
श्री साईं लीलाएं
बाबा के विरुद्ध पंडितजी की साजिश
पंडितजी साईं बाबा को गांव से भगाने के विषय में सोच-विचार कर रहे थे कि तभी एक पुलिस कोंस्टेबिल आता दिखाई दिया| पंडितजी ने उसे दूर से ही पहचान लिया था| उसका नाम गणेश था| वह पंडितजी के पास आता-जाता रहता था|
ॐ सांई राम
परसों हमने पढ़ा था.. साईं बाबा का आशीर्वाद
श्री साईं लीलाएं
पानी से दीप जले
साईं बाबा जब से शिरडी में आये थे| वे रोजाना शाम होते ही एक छोटा-सा बर्तन लेकर किसी भी तेल बेचने वाले दुकानदार की दुकान पर चले जाते और रात को मस्जिद में चिराग जलाने के लिए थोडा-सा तेल मांग लाया करते थे|
ॐ सांई राम
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा
किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...
श्री साई सच्चरित्र अध्याय 33
उदी की महिमा, बिच्छू का डंक, प्लेग की गाँठ, जामनेर का चमत्कार, नारायण राव, बाला बुवा सुतार, अप्पा साहेब कुलकर्णी, हरीभाऊ कर्णिक ।
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कल हमने पढ़ा था.. राघवदास की इच्छा
साईं बाबा का आशीर्वाद
सुबह-सुबह इंस्पेक्टर गोपालराव अपने दरवाजे पर खड़े थे कि गांव का एक मेहतर अपनी पत्नी के साथ उनके घर के आगे से निकला| जैसे ही उन दोनों की दृष्टि उन पर पड़ी, मेहतरानी अपने पति से बोली - "घर से निकलते ही किस निपूते का मुंह देखा है| पता नहीं हम सही से पहुंच भी पायेंगे या नहीं ? आज रहने दो, कल चलेंगे| मुंह अंधेरे ही निकलेंगे जिससे निपूते का मुंह न देखना पड़े|"
फूलो से शेज सजाओ
चँवर का पंखा झुलाओ
बाबा जी को मीठी नींद सुलाओ
आओ स्वपन परी आओ
बाबा जी को मीठी नींद सुलाओ
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कल हमने पढ़ा था.. जब सिद्दीकी को अक्ल आयी
राघवदास की इच्छा
कोपीनेश्वर महादेव के नाम से बम्बई (मुम्बई) के नजदीक थाणे के पास ही भगवन् शिव का एक प्राचीन मंदिर है|
इसी मंदिर में साईं बाबा का एक भक्त उनका पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गुणगान किया करता था| मंदिर में आने वाला राघवदास साईं बाबा का नाम और चमत्कार सुनकर ही, बिना उनके दर्शन किए ही इतना अधिक प्रभावित हुआ कि वह उनका अंधभक्त बन चुका था और अंतर्मन से प्रेरणा पाकर निरंतर उनका गुणवान किया करता था|
कल हमने पढ़ा था.. बाबा के श्रीचरणों में प्रयाग
श्री साईं लीलाएं
जब सिद्दीकी को अक्ल आयी
इसी प्रकार एक मुसलमान सिद्दीकी की बड़ी इच्छा थी कि किसी तरह वह मुसलमानों के पवित्र तीर्थ मक्का-मदीना कीई यात्रा पर जाए| पर, उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी न थी कि वह हज के लिए पैसा इकट्ठा कर पाता| फिर भी वह इच्छा कर रहा था| वह प्रतिदिन द्वारिकामाई मस्जिद में पौधों को पानी देता था| साईं बाबा की धूनी के लिए भी जंगल से लकड़ियां काटकर लाता था| इस आशा से कि कभी साईं बाबा की उस पर कृपा हो जाए और वह हज की मुराद पूरी कर दें|
कल हमने पढ़ा था.. तुम्हारी जेब में पैसा-ही-पैसा
बाबा के श्रीचरणों में प्रयाग
साईं बाबा अपने शिष्य के साथ बैठे आध्यात्मिक विषय पर बातें कर रहे थे कि तभी एक बूढ़ा व्यक्ति रोता-पीटता आया और हाथ जोड़कर साईं बाबा के सामने आकर जोर-जोर से रोने लगा|
"क्या हो गया बाबा ?" - एक शिष्य ने उस बूढ़े से पूछा|
कल हमने पढ़ा था.. तात्या को बाबा का आशिर्वाद
तुम्हारी जेब में पैसा-ही-पैसा
साईं बाबा अपने शिष्य के साथ बैठे आध्यात्मिक विषय पर बातें कर रहे थे कि तभी एक बूढ़ा व्यक्ति रोता-पीटता आया और हाथ जोड़कर साईं बाबा के सामने आकर जोर-जोर से रोने लगा|"क्या हो गया बाबा ?" - एक शिष्य ने उस बूढ़े से पूछा|"मेरा जवान लड़का मर गया| मेरे पास उसे कफन-दफन करने के लिए एक पैसा भी नहीं|" वह निरंतर आँसू बहाये जा रहा था|
परसों हमने पढ़ा था.. ब्रह्म ज्ञान को पाने का सच्चा अधिकारी
तात्या को बाबा का आशीर्वाद
शिरडी में सबसे पहले साईं बाबा ने वाइजाबाई के घर से ही भिक्षा ली थी| वाइजाबाई एक धर्मपरायण स्त्री थी| उनकी एक ही संतान तात्या था, जो पहले ही दिन से साईं बाबा का परमभक्त बन गया था|
आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं, हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है, हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...
श्री साई सच्चरित्र अध्याय 32
गुरु और ईश्वर की खोज, उपवास अमान्य
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इस अध्याय में हेमाडपंत ने दो विषयों का वर्णन किया है ।
1. किस प्रकार अपने गुरु से बाबा की भेंट हुई और उनके द्घारा ईश्वरदर्शन की प्राप्ति कैसे हुई ।
2. श्रीमती गोखले को जो तीन दिन से उपवास कर रही थी, उसे पूरनपोली के भोजन कराये ।
कल हमने पढ़ा था.. मिस्टर थॉमस नतमस्तक हुए
ब्रह्म ज्ञान पाने का सच्चा अधिकारी
साईं बाबा की प्रसिद्धि अब बहुत दूर-दूर तक फैल गयी थी| शिरडी से बाहर दूर-दूर के लोग भी उनके चमत्कार के विषय में जानकर प्रभावित हुए बिना न रह सके|
कल हमने पढ़ा था.. ऊदी का एक और चमत्कार
श्री साईं लीलाएं
मिस्टर थॉमस नतमस्तक हुए
उस समय तक शिरडी गांव की गिनती पिछड़े हुए गांवों में हुआ करती थी| उस समय शिरडी और उसके आस-पास के लगभग सभी गांवों में ईसाई मिशनरियों ने अपने पैर मजबूती से जमा लिये थे| ईसाइयों के प्रभाव-लोभ में आकर शिरडी के कुछ लोगों ने भी ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था| उन्होंने वहां गांव में एक छोटा-सा गिरजाघर भी बना लिया था| वहां पर उन्हें यह सिखाया जाता था कि हिन्दू या मुसलमान जिन बातों को मानें, चाहे वह उचित ही क्यों न हों, तुम उनका विरोध करो| हिन्दू और मुस्लिम जैसा आचरण करें, तुम उसके विपरीत आचरण करो, ताकि तुम उन सबसे अलग दिखाई पड़ी|
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बाबा के 11 वचन
ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.