शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Monday, 31 August 2015

श्रद्धा रख सब्र से काम ले अल्लाह भला करेगा.....!

ॐ सांई राम



" बाबा ने कहा "श्रद्धा रख सब्र से काम ले अल्लाह भला करेगा." ये विशवास और आश्वासन हमेशा से भक्तो के लिए एक उजाले की किरण बनता रहा है. धुपखेडा गाँव के चाँद पाटिल से लेकर आज तक जिसने भी अपने मन में ये श्रीसाईं के इन दो शब्दों को बसा लिया उसका पूरी दुनिया तो क्या स्वयं प्रारब्ध या कहें की 'होनी' भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती. सिर्फ एक अटल विश्वाश और अडिग यकीन आपको सारी मुसीबतों और तकलीफों के पार ले जा सकता है|

बहुत से भक्तो को बाबा की श्रद्धा-सबूरी का मतलब आज भी स्पष्ट नहीं है. वास्तव में बाबा ने कहा था कि अपने ईष्ट, अपने गुरु, अपने मालिक पर श्रद्धा रखो. ये विश्वास रखो कि भवसागर को पार अगर कोई करा सकता है तो वो आपका ईष्ट, गुरु, और मालिक है. अपने मालिक की बातों को ध्यान से सुनो और उनका अक्षरक्ष पालन करो. बाबा को पता था कि केवल किसी पर विश्वास रखना ही काफी नहीं है. विश्वास की डूबती-उतरती नाव का कोई भरोसा नहीं है इसीलिए बाबा ने इस पर सबूरी का लंगर डाल दिया था. किसी पर विश्वास करना है और इस हद तक करना है कि कोई उस विश्वास को डिगा ना सके चाहे कितने ही साल और जनम लगें. जैसा कि पहले हमने बताया दुःख दूर होना है और होगा मगर उस समय तक पहुँचने के लिए एक सहारा चाहिए और वो सहारा है

श्रद्धा और सबूरी..........


"Baba said," keep the faith Be patient taking God will bless. "The belief and assurance Hchto always a ray of light is created. Dhupakeda Chand Patil of village from which his mind till date of this Srisaian These two words have settled the whole world what his own fate or rather the 'be' can also harm. Biswash only one firm and immovable sure you can get beyond all the troubles and problems.
Many of the trust Hchto Baba - Sburi means is still unclear. In fact Baba said that his Esht, your mentor, your boss trust in yourself. The faith that anyone can make it, they crossed Haasaghar your Esht, master, and owner. Listen carefully to the words of his boss and his Aksharksha obey. Baba knew that just is not enough to trust someone. Sinking of faith - there is no guarantee of boats descend on this Sburi why Baba had put the anchor. Someone to trust and to the extent that no matter how that trust can not diga same year and they may give birth. As previously reported, we will have to be misery, but to reach that point and that one must resort to resort
Faith (Shradha) and Patience (Saburi) ..........
Jai Sai Ram

Sunday, 30 August 2015

बात बाबा की निकली वो महीन नहीं

सोचा थोड़ा भीड़ से किनारा कर लूँ
थोड़ा गुमनामी में रह कर गुजारा कर लूँ
परिवार को कैसे भीड़ का हिस्सा कर लूँ
बिना सांसों के मैं कैसे दम भर लूँ

नीर बिना रहे कभी मीन नहीं
साँईं नाम बिना कोई जीन नहीं
दर पर माथा टेके वो हीन नहीं
बात बाबा की निकली वो महीन नहीं

साँईं - मैनु इको तेरा आसरा.......

ॐ श्री साँई राम जी





Saturday, 29 August 2015

सब कुछ वार दूँ तुझ पर साँई

ॐ सांई राम



साँईं तुम में सब लोक समाये
सब ग्रह तुम से ही गतियां पाये
सूर्य देव के तेज से मानव
यश प्रताप की दौलत पाये
चन्द्र देवता अति प्रसन्न हों
तन मन को शीतल कर जायें
मंगल भी अमंगल तज कर
मंगल मंगल ही कर जाये
बुद्ध ज्ञान भण्डार बढाए
जब धरती पर प्रकाश फैलाये
बृहस्पति सब सुखों से भर दे
तेरी भस्म जो माथ लगाये
शुक्र अनिष्ट नहीं कर पाये
जब बाबा प्रेम की गंगा बहाये
शनि कभी ना वक्री होये
तेरे चरण आ रक्षण पाये
तेरी एक नजर से बाबा
राहू रफूचक्कर हो जाये
केतु अपने शुभ ग्रह में रह
तेरे जन को लाभ कराये
श्रद्धा रख तेरे दर जो आये
कर्म लेख उनका मिट जाये
बाबा तुम्हरी कृपा दृष्टि से
सब ग्रह सही दिशा पर आये
काहे विधि का लेख डराये
जब करुनासिंधु सब पाप मिटाये
तेरे चमत्कार से देवा
तेरा 'बंधू' नवजीवन पाये
वेद, वेदांत, श्रुति समझाये
तेरी महिमा कही ना जाये ........


सच्चे दिल से करो फ़रियाद तो
दुनिया की हर एक चीज मिल जाती
जिस पर साँईं की रहमत जो जाय
उसे काँटों में भी ख़ुशी मिल जाती




!!!ॐ साँई राम!!!
नाज़ करूँ मैं खुद पर साँई,
सब कुछ वार दूँ तुझ पर साँई,
!!!जय साँई राम!!!


साँईं नाम मुद मंगलकारी,
विघ्न हरे सब पातकहारी,
साँईं नाम है सबसे ऊंचा,
नाम शक्ती शुभ ज्ञान समूचा
श्री सच्चीदानंद समर्थ सदगुरू साँई नाथ महाराज की जय
जय साँई राम


Friday, 28 August 2015

मेरा हर एक आँसू साँई तुझे ही पुकारे है

ॐ सांई राम


मेरा हर एक आँसू साँई तुझे ही पुकारे है,
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है,
जब आप की याद साँई सही न जाए,
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है,
तब ज़ुबा, हाथ, पांव सब बेबस होते है,
इन्ही का काम साँई आँसू कर देते है,
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी,
इस तङप को कुछ शांत कर देते है ||

Thursday, 27 August 2015

श्री साँई सच्चरित्र - अध्याय 47

ॐ सांई राम जी 


आप सभी  को शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप की ओर साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं , हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है , हमें आशा है की हमारा यह कदम  घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है...

श्री साँई सच्चरित्र - अध्याय 47 - पुनर्जन्म 
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वीरभद्रप्पा और चेनबसाप्पा (सर्प व मेंढ़क) की वार्ता ।
गत अध्याय में बाबा द्घारा बताई गई दो बकरों के पूर्व जन्मों की वार्ता थी । इस अध्याय मे कुछ और भी पूर्व जन्मों की स्मृतियों का वर्णन किया जाता है । प्रस्तुत कथा वीरभद्रप्पा और चेनवसाप्पा के सम्बन्ध में है।

Wednesday, 26 August 2015

मंदिर मस्जिद या गुरुद्वारा हर जग में तुझको पाऊ

ॐ सांई राम




कितना सुन्दर, कितना प्यारा मुखड़ा, तुम्हारा लगता साईं
ऐसा नूर तेरे चेहरे का,  कर दिया मुझको भी नूरोनूर
तेरी आँखों में देखा तो मिल गए मुझको भी ऐसी ज्योत
तेरे सिवा कुछ और न दिखता बस गए इनमे तुम ही साईं
मंदिर मस्जिद या गुरुद्वारा हर जग में तुझको पाऊ
अब तक थी मै भटक रही तुझको ही थी ढूंढ रही
कर दी ऐसी दया मेरे साईं खींचा खुद ही अपनी ओर
प्यार हुआ तुझसे अब इतना मिले बिना रहा न जाए
हर दम तुझसे मिलना चाहू तुझमे ही मै खोना चाहू

Tuesday, 25 August 2015

गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा परब्रह्म, गुरु भगवंत ||

ॐ सांई राम


शिरडी में आज तक कोई ऐसा इंसान नहीं मिला जो ये कहता हो कि उसे दो जून की रोटी नहीं मिलती। और साईं की ये आखिरी इच्छा भी थी।
शिरडी में एक नीम का पेड़ है। उस पेड़ के नीचे ही साईं अपने भक्तों को प्रवचन दिया करते थे। दरअसल, इसकी एक बड़ी अजीब कहानी है। जब साईं शिरडी आए तो इस पेड़ के आस-पास खुदाई करने लगे। लोगों ने जब पूछा कि आप क्या कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यहां हमारे गुरु रहते हैं उन्हें निकाल रहा हूं।
फिर तो लोग साथ मिलकर खुदाई करने लगे। जमीन के नीचे जब पांच फीट की खुदाई हुई तो वहां से पांच दीए निकले। ये देख कर सब हैरत में पड़ गए। उसके बाद तो साईं के साथ साथ इस नीम के पेड़ के पास उनके गुरु की भी पूजा होने लगी।

इस नीम के पेड़ की एक और खासियत है। आम तौर पर नीम के पते कड़वे होते हैं लेकिन यहां इन के पत्तों में मिठास है। ये कड़वे पत्ते भक्तों को मीठे लगते हैं और भक्त इसे साईं का प्रसाद ही समझते हैं। इसका फल ठीक वैसे ही है जैसे साईं आरती का फल है।

Monday, 24 August 2015

कर्मों की गति

कर्मों की गति जान सके ऐसे हैं साँईं
जिसने ध्याया श्रध्दा पूर्वक विपदा नहीं सताई
कर्म नहीं गर तेरे उजले
सरके धरती पांव तले
कर सेवा निष्ठ भाव से
वर्ना रहे फिर हाथ मले

समय की गति

जिस देह का मान करें तू
वो तो हैं मोह का बंधन
जिस हृदय में तेरी याद बसी
रूक जायेगा उसका स्पंदन
अटल हैं, केवल मन की गति
ना होने देगा स्मरण की क्षति

।। सबका मालिक एक ।।

हमारे सदगुरू श्री साँई नाथ महाराज जी हमे आज भी याद है वो हसीन लम्हे, जब हम आपके दरबार में, आप से मिलने आया करते थे, किसी की भी रोक टोक नहीं हुआ करती थी, जी  भर के निहारते थे, कोई समय सीमा तय भी नहीं थी आपसे मिलने की।

आज भी बहुत ही सुखद अनुभव होता हैं, आपके हमक्ष खड़े हो कर अपनी किस्मत पर नाज़ भी होता है, और आपका हमें अपने दरबार में हाजिर होने देने का गरूर भी।

बाबा जी आज सेकेंड की सुई की रफ्तार से भी तेज आपके भक्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है, इस कारण से एक बात पक्की है कि अब तो जिस ओर भी नज़र घुमा कर देखो बस आपके दर्शन पा सकते हैं।

पर आज शिर्डी में आप से मुलाकात की समय सीमा तय कर दी गई हैं, अब तो जी भर के निहारने भी नहीं देते हैं आपके दरबार में तैनात सिपाही।

दर्शन तो आपके बाबा जी हम मन की आँखों से भी भली भाँति कर लेते हैं पर इस रूह को तो सूकून ही आपके श्री चरणों में दंडवत नतमस्तक हो कर मिलता है ।

बाबा जी आज आपसे प्रार्थना है कि आप किसी पंजाबी पूत्तर, तमिल अन्ना, बंगाली बाबू या सिर्फ मराठी माणूस के हो कर मत रह जाना।

हमने तो एक ही पाठ पढ़ा है सबक का और वो पाठ हैं, "सबका मालिक एक"।

और इस पाठ को पढ़ाया भी आपने ही है। अब बाबा जी मैं और क्या बोलू दिल की बात जान लेते हो, यहां तो हमने फिर पुनर्विचार हेतु अर्जी ही लिख डाली है ।

।।बाबा जी कृपा बनाए रखना।।

सब का मालिक एक

ॐ सांई राम



श्रद्धा और सबुरी तुने मंत्र बताये
तेरे दर से कोई खाली न जाये||
धर्म सभी के नेक है,
रास्ते सभी के अनेक है,
पर सब की मंजिल एक है
अज दिन चढ्या, साईं रंग वरगा |
फूल सा है खिला, आज दिन
सब का मालिक एक है||
 
साईं मुझे हर पल साथ तेरा चाहिए,
सिर पर हमेंशा हाथ तेरा चाहिए ||
मेरे हर करम पर निगाह अपनी रखना,
मुझे साईं अपनी पनाह में तुम रखना ||

साईं नाम को हृदय में धर ले,
राह मुक्ति की निशिचित कर ले ||
वो त्रिकालदर्शी सब जाने,
जाने न कोई भी बन्दा
और न ही संसार ||


बस,
तू अपना कर्म करता चला जा,
साईं नाम का श्रवण करता चला जा ||

नमो साईं नाथम,
नमो साईं नाथम,
नमो साईं नाथम,

Sunday, 23 August 2015

श्री साईं बाबा अष्टोत्तारशत - नामावली (अर्थ सहित)

ॐ श्री साँई राम जी


1. ॐ श्री साईंनाथाय नमः
अर्थ :  ॐ श्री साईंनाथ को नमस्कार

2.
ॐ श्री साईं लक्ष्मी नारायणाय नमः
अर्थ :  ॐ जो लक्ष्मी नारायण के स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

3.
ॐ श्री साईं कृष्णमशिवमारूतयादिरूपाय नमः
अर्थ :  ॐ जो श्री कृष्ण, राम, शिव, मारुति आदि देवताओं के स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

4.
ॐ श्री साईं शेषशायिने नमः
अर्थ :  ॐ जो शेषनाग पर शयन करने वाले भगवान विष्णु के अवतार हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार


5. ॐ श्री साईं गोदावीरतटीशीलाधीवासिने नमः
अर्थ :  ॐ जो गोदावरी नदी के तट पर बसी "शीलधी" (शिरडी) में निवास करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

6.
ॐ श्री साईं भक्तह्रदालयाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों के मन में विराजमान हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

7.
ॐ श्री साईं सर्वह्रन्निलयाय नमः
अर्थ :  ॐ जो सभी प्रणियों के मन में निवास करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

8.
ॐ श्री साईं भूतावासाय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त प्राणियों में बसते हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

9.
ॐ श्री साईं भूतभविष्यदुभवाज्रिताया नमः
अर्थ :  ॐ जो भूत तथा भविष्य की चिंताओं से मुक्त करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

10.
ॐ श्री साईं कालातीताय नमः
अर्थ :  ॐ जो काल की सीमायों से परे हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

11.
ॐ श्री साईं कालायः नमः
अर्थ :  ॐ जो काल अर्थात समय के स्वामी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

12.
ॐ श्री साईं कालकालाय नमः
अर्थ :  ॐ जो काल की सीमाओं से परे हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

13.
ॐ श्री साईं कालदर्पदमनाय नमः
अर्थ :  ॐ जो काल (मृत्युदेव) के अहंकार का नाश करते हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

14.
ॐ श्री साईं मृत्युंजयाय नमः
अर्थ :  ॐ जो मृत्यु को जीतने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

15.
ॐ श्री साईं अमत्य्राय नमः
अर्थ :  ॐ जो अमरत्व को पाये हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

16.
ॐ श्री साईं मर्त्याभयप्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो मृत्यु के भय से रक्षा करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

17.
ॐ श्री साईं जिवाधाराय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त जीवों के आधार हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

18.
ॐ श्री साईं सर्वाधाराय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त ब्रह्माड़ के आधार हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

19.
ॐ श्री साईं भक्तावनसमर्थाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों की रक्षा करने में समर्थ हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

20.
ॐ श्री साईं भक्तावनप्रतिज्ञाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों की रक्षा करने हेतु प्रतिज्ञाबद्ध हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

21.
ॐ श्री साईं अन्नवसत्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो अन्न और वस्त्र के दाता हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

22.
ॐ श्री साईं आरोग्यक्षेमदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो आरोग्य और कल्याण प्रदान करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

23.
ॐ श्री साईं धनमांगल्यप्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो धन तथा मांगल्य प्रदान करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

24.
ॐ श्री साईं ऋद्धिसिद्धिदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो ऋद्धि, सिद्धि को देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

25.
ॐ श्री साईं पुत्रमित्रकलत्रबन्धुदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो पुत्र, मित्र, पति अथवा पत्नी और सम्बन्धी देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

26.
ॐ श्री साईं योगक्षेमवहाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों को सभी तरह का सुख प्रदान करने तथा कल्याण की जिम्मेदारी उठाने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

27.
ॐ श्री साईं आपदबान्धवाय नमः
अर्थ :  ॐ जो संकट के समय बन्धु के समान रक्षा करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

28.
ॐ श्री साईं मार्गबन्धवे नमः
अर्थ :  ॐ जो जीवन मार्ग के साथी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

29.
ॐ श्री साईं भक्तिमुक्तिस्वर्गापवर्गदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो सांसारिक वैभव, मोक्ष और नैसर्गिक आनन्द व अन्तिम उत्सर्ग को प्रदान करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

30.
ॐ श्री साईं प्रियाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों के प्रिय हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

31.
ॐ श्री साईं प्रीतिवर्द्धनाय नमः
अर्थ :  ॐ जो प्रीति को बढाने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

32.
ॐ श्री साईं अन्तय्रामिणे नमः
अर्थ :  ॐ जो अन्तर्यामी, अर्थात मन की समस्त भावनाओं से परे हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

33.
ॐ श्री साईं सच्चिदानात्मने नमः
अर्थ :  ॐ जो सत्य और विशुद्ध आत्मा के प्रतीक हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

34.
ॐ श्री साईं नित्यानंदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो नित्य आनन्द हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

35.
ॐ श्री साईं परमसुखदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो परम सुख को देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

36.
ॐ श्री साईं परमेश्वराय नमः
अर्थ :  ॐ जो परमेश्वर हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

37.
ॐ श्री साईं परब्रह्मणे नमः
अर्थ :  ॐ जो साक्षात् परब्रह्म स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

38.
ॐ श्री साईं परमात्मने नमः
अर्थ :  ॐ जो परमात्मा स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

39.
ॐ श्री साईं ज्ञानस्वरूपिणे नमः
अर्थ :  ॐ जो साक्षात् ज्ञान के स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

40.
ॐ श्री साईं जगतः पित्रे नमः
अर्थ :  ॐ जो जगत पिता हैं अर्थात संसार के रचयिता हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

41.
ॐ श्री साईं भक्तानां मतधातपितामहाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों के माता, पालनकर्ता और पितामह हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

42.
ॐ श्री साईं भक्ताभय प्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों को अभय दान देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

43.
ॐ श्री साईं भक्तपराधिनाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों के अधीन होकर उनके ही कल्याण में लगे हुए हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

44.
ॐ श्री साईं भक्तानुग्रहकातराय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों पर अपनी कृपा या अनुग्रह बनाए रखने के लिए अति दयावान हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

45.
ॐ श्री साईं शरणागतवत्सलाय नमः
अर्थ :  ॐ जो अपनी शरण में आये भक्त पर वात्सल्य रखने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

46.
ॐ श्री साईं भक्तिशक्तिप्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्ति और शक्ति देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

47.
ॐ श्री साईं ज्ञानवैराग्यपदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो ज्ञान और वैराग्य प्रदान करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

48.
ॐ श्री साईं प्रेमप्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो प्रेम देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

49.
ॐ श्री साईं संशयह्रदयदोर्बल्यपापकर्म नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त संदेहों, मन की दुर्बलता, पाप-कर्म तथा वासना का नाश करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

50.
ॐ श्री साईं ह्रदयग्रन्थिवेदकाय नमः
अर्थ :  ॐ जो मन और विचारों में पड़ी हुई समस्त ग्रंथियों को खोल देने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

51.
ॐ श्री साईं कर्मध्वंसिने नमः
अर्थ :  ॐ जो पाप-कर्मों से होने वाले प्रभाव को नष्ट करते हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

52.
ॐ श्री साईं सुद्धसत्त्वस्थिताय नमः
अर्थ :  ॐ जो शुद्ध मन सात्त्विक भावों पर संस्थापित हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

53.
ॐ श्री साईं गुणातीतगुणात्मने नमः
अर्थ :  ॐ जो गुणों से परे हैं और समस्त सद् गुणों से परिपूर्ण हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

54.
ॐ श्री साईं अनन्त कल्याणगुणाय नमः
अर्थ :  ॐ जो अनन्त कल्याणकारी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

55.
ॐ श्री साईं अमितपराक्रमाय नमः
अर्थ :  ॐ जो असीमित पराक्रम और वीरता के स्वामी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

56.
ॐ श्री साईं जयिने नमः
अर्थ :  ॐ जो स्वयं जय हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

57.
ॐ श्री साईं दुर्घषोक्षोभ्याम नमः
अर्थ :  ॐ जो अत्यंत कठिन को भी सरल करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

58.
ॐ श्री साईं अपराजितय नमः
अर्थ :  ॐ जो सदा अजेय हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

59.
ॐ श्री साईं त्रिलोकेषु अनिघातगतये नमः
अर्थ :  ॐ जो तीनों लोकां के स्वामी, जिनके कल्याणकारी सद् कर्मो में कोई भी विध्न नहीं हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

60.
ॐ श्री साईं अशक्यरहिताय नमः
अर्थ :  ॐ जिनकी शक्ति से कोई भी बाहर नहीं हैं ऐसे सद् गुरु श्री साईंनाथ को नमस्कार

61.
ॐ श्री साईं सर्वशक्तिमूर्तये नमः
अर्थ :  ॐ जो सर्वशक्ति परमात्मा के स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

62.
ॐ श्री साईं सुसरूपसुन्दराय नमः
अर्थ :  ॐ जो अत्यन्त मनोहारी स्वरुप वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

63.
ॐ श्री साईं सुलोचनाय नमः
अर्थ :  ॐ जो अत्यन्त सुन्दर नेत्र वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

64.
ॐ श्री साईं बहुरूपविश्वमूर्तये नमः
अर्थ :  ॐ जो बहुरूपी, विश्वरुपी, सर्वरुपी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

65.
ॐ श्री साईं अरूपाव्यक्ताय नमः
अर्थ :  ॐ जो निराकार हैं जिनके स्वरुप को व्यक्त नहीं किया जा सकता, ऐसे श्री साईंनाथ को नमस्कार

66.
ॐ श्री साईं अचिन्ताय नमः
अर्थ :  ॐ जो अकल्पनीय, अगम्य और गहन स्वरूप वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

67.
ॐ श्री साईं सूक्ष्माय नमः
अर्थ :  ॐ जो अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने वाले हैं उन सर्वव्यापी प्रभु श्री साईंनाथ को नमस्कार

68.
ॐ श्री साईं सर्वान्तय्रामिणे नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त जीवों की अन्तरात्मा या हरद में वास करते हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

69.
ॐ श्री साईं मनोवागतिताय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों के मन और वाणी से परे हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

70.
ॐ श्री साईं प्रेममूर्तये नमः
अर्थ :  ॐ जो साक्षात् प्यार और करुणा के अवतार हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

71.
ॐ श्री साईं सुलभदुर्लभाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्त हेतु अत्यन्त सुलभ, किन्तु दुष्ट आत्मा हेतु अति दुर्लभ हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

72.
ॐ श्री साईं असहायसहायाय नमः
अर्थ :  ॐ जो असहायों के सहायक हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

73.
ॐ श्री साईं अनाथनाथदीनबन्धवे नमः
अर्थ :  ॐ जो अनाथों के नाथ हैं तथा गरीबों के बंधु हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

74.
ॐ श्री साईं सर्वभारभ्रते नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों के समस्त दुखों के भार स्वयं पर लेने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

75.
ॐ श्री साईं अकर्मानेककर्मसुकर्मिणे नमः
अर्थ :  ॐ जो स्वयं अकर्मा होकर अपने सुकर्मों को करने वाले भी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

76.
ॐ श्री साईं पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः
अर्थ :  ॐ जिनका सतत् नाम स्मरण और कीर्तन सुनने से पुण्य की प्राप्ति हैं ऐसे श्री साईंनाथ को नमस्कार

77.
ॐ श्री साईं तीर्थाय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त तीर्थों के साक्षात् स्वरुप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

78.
ॐ श्री साईं वासुदेवाय नमः
अर्थ :  ॐ जो श्री वासुदेव के स्वरूप हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

79.
ॐ श्री साईं सता गतये नमः
अर्थ :  ॐ जो सज्जनों के गंतव्य हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

80.
ॐ श्री साईं सत्परायणाय नमः
अर्थ :  ॐ जो सत्य के पूर्णतया समर्पित हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

81.
ॐ श्री साईं लोकनाथाय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त लोकों के प्रभु हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

82.
ॐ श्री साईं पावनानधाय नमः
अर्थ :  ॐ जो पावन पवित्र रूपधारी और दोष रहित हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

83.
ॐ श्री साईं अमृतांशवे नमः
अर्थ :  ॐ जो अमृत के एक अंश हैं उन अमृतमय श्री साईंनाथ को नमस्कार

84.
ॐ श्री साईं भास्करप्रभाय नमः
अर्थ :  ॐ जो दैदीप्यमान सूर्य के समान आभा वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

85.
ॐ श्री साईं ब्रहमचर्यतपश्चर्यादिसुव्रताय नमः
अर्थ :  ॐ जो ब्रहाचर्य, तपश्चर्य और अन्य सुब्रतों में स्थित हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

86.
ॐ श्री साईं सत्यधर्मपराणाय नमः
अर्थ :  ॐ जो सत्य और धर्म का पालन करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

87.
ॐ श्री साईं सिद्धेश्वराय नमः
अर्थ :  ॐ जो सभी सिद्धियों के स्वामी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

88.
ॐ श्री साईं सिद्धसंकल्पाय नमः
अर्थ :  ॐ जिनका संकल्प सदैव सिद्ध होता हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

89.
ॐ श्री साईं योगेश्वराय नमः
अर्थ :  ॐ जो योग के इश्वर हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

90.
ॐ श्री साईं भगवते नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त दैविये गुणों के स्वामी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

91.
ॐ श्री साईं भक्तवत्सलाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों पर वात्सल्य का रस बरसाने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

92.
ॐ श्री साईं सत्यपुरुषाय नमः
अर्थ :  ॐ जो धर्मपरायण, सतपुरुष हैं उन ऐसे श्री साईंनाथ को नमस्कार

93.
ॐ श्री साईं पुरुषोत्तमाय नमः
अर्थ :  ॐ जो पुरषोत्तम अर्थात श्रीराम के अवतार हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

94.
ॐ श्री साईं सत्यतत्वबोधकाय नमः
अर्थ :  ॐ जो सत्य के तत्व का बोध कराने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

95.
ॐ श्री साईं कामादिषडूवैरिध्वासिने नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त सांसारिक इच्छाओं और छः विकारों (काम, क्रोध, मोहो, मद, मत्सर) का नाश करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

96.
ॐ श्री साईं अभेदानन्दानुभवरप्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भक्तों लो स्वयं में एकाकार कर उससे उत्पन्न आनन्द का अनुभव प्रदान करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

97.
ॐ श्री साईं समसर्वमतसंमताय नमः
अर्थ :  ॐ जो सभी धर्म समान हैं, ऐसी धारणा रखने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

98.
ॐ श्री साईं दक्षिणामूर्तये नमः
अर्थ :  ॐ जो शिव रुपी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

99.
ॐ श्री साईं वेंकटेशरमणाय नमः
अर्थ :  ॐ जो भगवान विष्णु से प्रेम वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

100.
ॐ श्री साईं अदभुतांतचर्याय नमः
अर्थ :  ॐ जो अदभुत और अनन्त लीलाओं को करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

101.
ॐ श्री साईं प्रपन्नार्तीहराय नमः
अर्थ :  ॐ जो शरण में आये भक्तों के संकट का हरण करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

102.
ॐ श्री साईं संसारसर्वदुखक्षरूपय नमः
अर्थ :  ॐ जो संसार के समस्त दुखों का नाश करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

103.
ॐ श्री साईं सर्वत्सिव्रतोपुखाय नमः
अर्थ :  ॐ जो त्रिकालदर्शी और सर्वव्यापी हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

104.
ॐ श्री साईं सर्वांतर्बहिः स्थिताय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त जीव और पदार्थों के अंदर और बाहर प्रतेक स्थान में स्थित हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

105.
ॐ श्री साईं सर्वमंगलकराय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त जग का कल्याण करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

106.
ॐ श्री साईं सर्वाभीष्टप्रदाय नमः
अर्थ :  ॐ जो समस्त प्राणियों की कल्याणकारी इच्छायों को पूरा करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

107.
ॐ श्री साईं रामरसतन्मर्गस्थानपनाय नमः
अर्थ :  ॐ जो विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को एकता और समानता के सूत्र में पिरोकर सन्मार्ग की स्थापना करने वाले हैं उन श्री साईंनाथ को नमस्कार

108.
ॐ श्री साईं समर्थसद् गुरुसाईंनाथाय नमः
अर्थ :  ॐ जो आत्मिक ज्ञान प्रदान करने वाले, पूर्ण सद् गुरु श्री साईंनाथ को नमस्कार

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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.