ॐ सांई राम
माथे सोहे चन्दन, गले में पुष्प हार है
सजी है कफनी अंग पे ह्रदय में जिसके प्यार है
झुका रहे है शीश सारे भक्त जिनकी भक्ति में
है कोटि देवों का प्रकाश, साईं तेरी शक्ति में
में तो साईं तुझपे जाऊं बलिहारी, दुखहारी
गाये गुण तेरे सृष्टि ये सारी
सब संतों में महा संत तू
तुझसा कोई न दूजा
तन मन धन से हम करते है
साईं तेरी पूजा
साईं तेरा तो है रूप निराला, सीधा सादा
तेरी छवि पे सभी है बलिहारी
तुझसा कोई न दूजा
तन मन धन से हम करते है
साईं तेरी पूजा
साईं तेरा तो है रूप निराला, सीधा सादा
तेरी छवि पे सभी है बलिहारी
तुझे देखकर सभी भक्त गण
मन ही मन हर्षाये
रूप धरा फकीर का फिर भी
तुम साईं कहलाये
जो भी आया साईं शरण तुम्हारी, लीला धारी,
उसकी नैया तूने पार उतारी
हे साईं जी जहाँ में तेरे नाम का डंका बाजे
जब निकले तू पालकी में सजकर
लेकर सारे ढोल नगाड़े सभी भक्त गण नाचें
सारे जग में साईं, तू है समाया
तेरी माया साईं किसी ने भी
अब तक न जानी
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This is also a kind of SEWA.