ॐ सांई राम
कहाँ कहाँ से लोग आते हैं
बाबा के दरबार मे
साई के दरबार मे
दिल के दुखडे मिट जाते हैं,
साई के दरबार मे
दिल के दुखडे मिट जाते हैं,
साई के दरबार मे,बाबा के दरबार मे
कहाँ कहाँ से लोग आते हैं
कहाँ कहाँ से लोग आते हैं
बाबा के दरबार मे
साई के दरबार मे
साई के दरबार मे
अपना अपना रंग हो चाहे,
लाखो हो तस्वीरे
साई के हाथों पर लिखी है,
साई के हाथों पर लिखी है,
हम सब की तकदीरें
बड़ा हो छोटा
बड़ा हो छोटा,
बड़ा हो छोटा
बड़ा हो छोटा,
झुक जाते हैं,
साई के दरबार मे
बाबा के दरबार मे
बाबा के दरबार मे
कहाँ कहाँ से लोग आते हैं
बाबा के दरबार मे
साई के दरबार मे
सबके मन की बातें जाने,
साई के दरबार मे
सबके मन की बातें जाने,
सबको यह पहेचाने
सदियों तक गूंजेंगे इसके,
सदियों तक गूंजेंगे इसके,
गली गली अफ़साने
आसूं मोंती बन जाते है
आसूं मोंती बन जाते है
साई के दरबार मे,बाबा के दरबार मे
बाबा के दरबार मे
साई के दरबार मे
साई के दरबार मे
यह वो दर है
रोज यहाँ पर मेले
भक्त यहाँ पर आ जाते हैं,अपनी धुन मे ये गाते हैं,
भक्त यहाँ पर आ जाते हैं,अपनी धुन मे ये गाते हैं,
साई के दरबार मे
बाबा के दरबार मे
कहाँ कहाँ से लोग आते हैं
बाबा के दरबार मे
साई के दरबार मे
साई के दरबार मे