जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं
फ़िर भी ये हाले दिल मैं तुमको सुना रहा हूं
नन्हीं सी जाँ पे कैसे सदमे उठा रहा हूं
ये आस लेके साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
मुद्द्त से मेरे साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं
"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम
मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे
कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे
मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे
दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे
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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।
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कब से सहते आये हो
और कहो कब तक सहोगे
दुख की जड़े खत्म कर दो साँई
बस कह दो हमारे दिल मे रहोगे
ना धरती ना आकाश
ना अंधेरा ना प्रकाश
इस दिल को तो मिले सकून
जब होते है बाबा आस पास
विज्ञान कहे प्रकाश गति
ना कोई सके पछाड़
दुखियों के दुख हरने पल में
साँई पहुंचे 7 समुद्र भी पार
हीरे में कुछ चमक नही
खेल ये प्रकाश रचाये
रचना लिखते आनंद से
लीला साँई दिखाये
रचना लिखी आनंद से
आनंद सब जग पाये
अमृत बरसे वाणी से
जिस हृदय साँई समाये