कैसे कैसे लोग हैं
अजब निराले ढंग
मस्ती में डूबे रहते
रहे रंगे साँईं के रंग
रंग निराला ढंग निराला
रहन सहन हैं सबसे आला
उसका दुनिया क्या कर लेगी
जिसका रखवाला हैं शिर्डी वाला
कुछ लोग ऐसे हैं होते
नाम कमाने में हैं खोते
जपे नाम दिन रैन साँईं का
करे काम हरपल कसाई का
साँईं ना मांगे तुझसे भक्ति कोई
तेरे बुरे कर्मों से साँईं आत्मा रोई
करना चाहे गर साँईं की सेवा
सही मार्ग पहले कर मानव सेवा
बदलना चाहे गर अपने हालात
ना मार किसी असहाय को लात
तेरी हाजिरी खुद साँईं लगाएंगे
दुनिया कहेगी क्या बात क्या बात
हुनर संवारना हो अगर
अपने मन को पहले टटोल
किसी का लिखा क्यो तू छीने
साँईं की श्रध्दा दिल में घोल
रिश्ते जो बनाये साँईं ने
क्यो तू तोड़े ठोकरें मारे
नाम तेरा यही रह जायेगा
रिश्ते रहेंगे संग तुम्हारे
साँईं का परिवार हैं ये
नहीं कोई तेरा व्यापार
नफरत के यहाँ बीज ना बोना
संग रहे सब यहीं बांटे प्यार