शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)
शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....
"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम
मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे
कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे
मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे
दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे
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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।
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Wednesday, 30 April 2014
Tuesday, 29 April 2014
Monday, 28 April 2014
और मांगे भी क्या तुझ से ओ मेरे साईं
ॐ साईं राम
दिल क्यों उदास है
आज फिर साईं से मिलने की प्यास है
आँख में आंसू और दिल में एक आस है
यह भी विश्वास है कि साईं हर पल आस पास है
लेकिन फिर भी न जाने क्यों दिल उदास है
और मांगे भी क्या तुझ से ओ मेरे साईं, ऐसा क्या है जो तुझ से न पाया है |
औरों को जो मिला मुक़द्दर से मिला, हमने तो मुक़द्दर भी तेरे दर से पाया है |
Sunday, 27 April 2014
तू है हमारा और हम तेरे
ॐ साईं राम
तू है हमारा और हम तेरे
तेरे प्यार में तेरे द्वार पे डाल दिये हमने डेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरे चमन का रंग अनोखा है
दूसरे बागों में धोखा ही धोखा है
मुरझाए फ़िर खिले रहे चाहे कितना भी हमें ग़म घेरे
तू है हमारा और हम तेरे
किसकी मज़ाल तेरे दर से उठाएगा
किसमें है ताकत हमें कौन बहकाएगा
दिलसे निकली यही दुआ तू कभी न हमसे मुहं फेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरा रस्ता चमकता मिलेगा
कोई भी राही न थकता मिलेगा
हर पग पर मिट जाएंगे मन की शंका के अंधेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरे प्यार में तेरे द्वार पे डाल दिये हमने डेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरे चमन का रंग अनोखा है
दूसरे बागों में धोखा ही धोखा है
मुरझाए फ़िर खिले रहे चाहे कितना भी हमें ग़म घेरे
तू है हमारा और हम तेरे
किसकी मज़ाल तेरे दर से उठाएगा
किसमें है ताकत हमें कौन बहकाएगा
दिलसे निकली यही दुआ तू कभी न हमसे मुहं फेरे
तू है हमारा और हम तेरे
तेरा रस्ता चमकता मिलेगा
कोई भी राही न थकता मिलेगा
हर पग पर मिट जाएंगे मन की शंका के अंधेरे
तू है हमारा और हम तेरे
Saturday, 26 April 2014
इस जीवन के रूप देखे
ॐ साईं राम
हे सांई इक कर्म कमा,
मेरा हिसाब यही चुका,
मेरे कर्म धर्म जो भी है,
जो भी पाप पुन्य किया,
सारा लेखा कर सफा,
हे सांई, हे मेरे बाबा इक यह कर्म कमा
इस जीवन के रूप देखे,
ये सारे आडम्बर देखे,
नाते देखे रिश्ते देखे,
संगी देखे साथी देखे,
सारे लेते सिर्फ मज़ा,
हे सांई, हे मेरे बाबा इक यह कर्म कमा
यदि फिर आना हो बाकी तो,
कर्म भोगने हो बाकी तो,
ये दिल न देना बस करना इतनी दया,
न है मेरी इंसान बनने की ही चाह,
हे सांई, हे मेरे बाबा इक यह कर्म कमा
मेरा हिसाब यही चुका,
मेरे कर्म धर्म जो भी है,
जो भी पाप पुन्य किया,
सारा लेखा कर सफा,
हे सांई, हे मेरे बाबा इक यह कर्म कमा
इस जीवन के रूप देखे,
ये सारे आडम्बर देखे,
नाते देखे रिश्ते देखे,
संगी देखे साथी देखे,
सारे लेते सिर्फ मज़ा,
हे सांई, हे मेरे बाबा इक यह कर्म कमा
यदि फिर आना हो बाकी तो,
कर्म भोगने हो बाकी तो,
ये दिल न देना बस करना इतनी दया,
न है मेरी इंसान बनने की ही चाह,
हे सांई, हे मेरे बाबा इक यह कर्म कमा
Friday, 25 April 2014
Thursday, 24 April 2014
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 24
ॐ सांई राम
आप सभी को शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप की ओर से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं , हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं जी के कमल चरणों में क्षमा याचना अर्पण करते है।
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 24
.........................
श्री साई बाबा का हास्य विनोद, चने की लीला (हेमाडपंत), सुदामा की कथा, अण्णा चिंचणीकर और मौसीबाई की कथा ।
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श्री साई बाबा का हास्य विनोद, चने की लीला (हेमाडपंत), सुदामा की कथा, अण्णा चिंचणीकर और मौसीबाई की कथा ।
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Wednesday, 23 April 2014
मेरे साईं सा नहीं कोई दूजा इस जग में
ॐ सांई राम
मेरे साईं सा नहीं कोई दूजा इस जग में
जो हर ले सब का दुःख अपने में
जो हर ले सब का दुःख अपने में
जहाँ भी देखू अपने साईं को पाऊ
अपने मान-चित को बस साईं में समाऊ
हे मेरे साईं रहम नज़र कर दे
खुशिया मेरी झोली में भर दे
हाथ पसारे खड़ी हु साईं
तेरी एक रहम नज़र का इशारा
बदल देंगा मेरा जीवन सारा
बदल देंगा मेरा जीवन सारा
मेरे साईं सा नहीं कोई दूजा इस जग में
जो हर ले सब का दुःख अपने में
जो हर ले सब का दुःख अपने में
Tuesday, 22 April 2014
Monday, 21 April 2014
दूर खड़ा तू देख रहा
ॐ साईं राम
साईं की महिमा
साईं की महिमा
दूर खड़ा तू देख रहा
सबके मन का भाव
पल भर में तू कर दे
पूरी मन की आस
आस बन जाती
दिल का एक अरमान
दिन की शुरुवात होती
लेकर तेरा नाम
तेरा नाम जप कर
दिल हो जाए मालामाल
तेरी किरपा से
खुल जाए स्वर्ग के दरबार
हर दरबार की चादर में
जड़े हुए है हीरे मोती
जिसकी चमक से
मिल जाती मन को मुक्ति
मन की मुक्ति पाकर
मिल जाए साईं का आशीष
आत्मा तृप्त हो जावे
मिल जावे दिल को आराम
दिल का आराम पाकर
धन्य हो जावे जीवन
जिसकी करूणा कथा को पढ़कर
दिल हो जावे बेकरार
बेकरार दिल एक ही गाथा गावे
जय साईंराम, जय-जय साईंराम
सबके मन का भाव
पल भर में तू कर दे
पूरी मन की आस
आस बन जाती
दिल का एक अरमान
दिन की शुरुवात होती
लेकर तेरा नाम
तेरा नाम जप कर
दिल हो जाए मालामाल
तेरी किरपा से
खुल जाए स्वर्ग के दरबार
हर दरबार की चादर में
जड़े हुए है हीरे मोती
जिसकी चमक से
मिल जाती मन को मुक्ति
मन की मुक्ति पाकर
मिल जाए साईं का आशीष
आत्मा तृप्त हो जावे
मिल जावे दिल को आराम
दिल का आराम पाकर
धन्य हो जावे जीवन
जिसकी करूणा कथा को पढ़कर
दिल हो जावे बेकरार
बेकरार दिल एक ही गाथा गावे
जय साईंराम, जय-जय साईंराम
Sunday, 20 April 2014
अक्सर, बाबा जी रातों में मुझे हंसाते हैं
ॐ साईं राम
कभी कभी बाबा जी मुझे सारी रात जगाते हैं
जागते हुए मुझे वे कईं ख्वाब दिखाते हैं
खवाबों में ही फिर बाबा मुझे उलझाते हैं
परीक्षा लेने को मेरी, प्रलोभन दे कर ललचाते हैं
दिल और दिमाग, मुझे दो-धारी तलवार पर चलाते हैं
तब, मेरे खूब उलझ जाने पर बाबा मंद-मंद मुस्कराते हैं
जाने कैसी कैसी लीला करते हैं और दिखाते हैं
अक्सर, बाबा जी रातों में मुझे हंसाते हैं
जागते हुए मुझे वे कईं ख्वाब दिखाते हैं
खवाबों में ही फिर बाबा मुझे उलझाते हैं
परीक्षा लेने को मेरी, प्रलोभन दे कर ललचाते हैं
दिल और दिमाग, मुझे दो-धारी तलवार पर चलाते हैं
तब, मेरे खूब उलझ जाने पर बाबा मंद-मंद मुस्कराते हैं
जाने कैसी कैसी लीला करते हैं और दिखाते हैं
अक्सर, बाबा जी रातों में मुझे हंसाते हैं
हजारों फूल लगते हैं एक माला बनाने के लिए,
हजारों दीप लगते हैं एक आरती सजाने के लिए,
मगर एक "सद्गुरु-साईनाथ" काफी हैं,
ज़िन्दगी को जन्नत बनाने के लिए"
हजारों दीप लगते हैं एक आरती सजाने के लिए,
मगर एक "सद्गुरु-साईनाथ" काफी हैं,
ज़िन्दगी को जन्नत बनाने के लिए"
गुरूवार का, मेरे बाबा का दिन आया...
मन में फिर, एक नयी आस ले कर आया...
सच्चे मन से जिस ने बाबा को भी ध्याया....
उसी ने मेरे बाबा को पाया.....
Saturday, 19 April 2014
दीपक एक जलाना साथी
ॐ सांई राम
दीपक एक जलाना साथी
गुमसुम बैठ न जाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!!
दीपक एक जलाना साथी!!
सघन कालिमा जाल बिछाए
द्वार-देहरी नज़र न आए
घर की राह दिखाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी
द्वार-देहरी नज़र न आए
घर की राह दिखाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी
घर औ' बाहर लीप-पोतकर
कोने-आंतर झाड़-झूड़कर
मन का मैल छुड़ाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!!
कोने-आंतर झाड़-झूड़कर
मन का मैल छुड़ाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!!
एक हमारा, एक तुम्हारा
दीप जले, चमके चौबारा
मिल-जुल पर्व मनाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!!
दीप जले, चमके चौबारा
मिल-जुल पर्व मनाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!!
आ सकता है कोई झोंका
क्योंकि हवा को किसने रोका?
दोनों हाथ लगाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!
क्योंकि हवा को किसने रोका?
दोनों हाथ लगाना साथी!
दीपक एक जलाना साथी!
Friday, 18 April 2014
बाबा ने दिवाली पर पानी से दिए जलाए
आश्चर्य ! पानी के दिए सारी रात जले | यह देख कर सभी दुकानदारों ने बाबा से क्षमा - याचना की एवं प्रतिदिन उन्हें स्वयं ही तेल देने लगे |"
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बाबा के 11 वचन
ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.