आओ साँईं
शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)
शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....
"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम
मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे
कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे
मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे
दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे
************************************
निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।
************************************
Monday, 31 March 2014
मैने लिख दी तेरे नाम अर्ज़ी....
Sunday, 30 March 2014
Invitation for all to join us for Shree Sai Palki shobha yatra
Shirdi Ke Sai Baba Group is inviting you all to join us at the auspicious occasion of Shree Ram Navami utsav on dated 8th April 2014, we are celebrating with Shree Sai Palki shobha yatra starts at 9:00 am followed by bhandara sewa at 12:00 noon.
You are requested to be with us on this big occasion and requesting you to come with family and friends.
ॐ श्री साँईं राम जी
Venue: Sanatan Dharm Mandir, Sector 47, Noida.
एक अरदास साँई जी से....
सच्चे हृदय से करूँ तुम से यह अरदास |
कारण करता आप हो सब कुछ तुमरी दात,
साईं भरोसे मैं रहूँ तुम ही हो पितु मातु |
विषयों में मैं लीन हूँ पापों का नहीं अंत,
फिर भी मैं तो तेरा हूँ राख लियो भगवंत |
राख लियो हे राखन हारा साईं ग़रीब नवाज़,
तुझ बिन तेरे बाल के कौन सवारे काज |
दया करो दया करो दया करो मेरे साईं,
तेरे सिवा मेरा कौन है बाबा इस जग माहीं |
मैं तो कुछ भी नहीं हूँ सब कुछ तुम हो नाथ,
बच्चों के सर्वस्व प्रभु तुम सदा रहो मेरे साथ |
Saturday, 29 March 2014
तेरे दर पे आया में बनके भिखारी
Friday, 28 March 2014
माँ की ममता के आगे तो, सारा जग भी छोटा है
ॐ सांई राम
साधू भी तू
कोई मिटा न सके जिसे
तू समाया हे सब में
सारा जग भी छोटा है
Thursday, 27 March 2014
श्री साँई सच्चरित्र - अध्याय 20
Wednesday, 26 March 2014
श्री सच्चिदानंद सदगुरु साईनाथ महाराज की जय
Tuesday, 25 March 2014
Monday, 24 March 2014
थैलीसीमिया thalassemia- जागरूकता जरूरी है
थैलीसीमिया thalassemia- एक अनुवांशिक रोग है। जागरूकता के अभाव के कारण पूरी दुनिया में इस रोग से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कम गंभीर मामलों में सही उपचार अपना कर सामान्य जीवन जिया जा सकता है। इसके लिए इसके प्रति जागरूक बहुत जरूरी है।
थैलीसीमिया एक रक्त संबंधी विकार है। इसमें हीमोग्लोबिन, जो शरीर में ऑक्सीजन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है, में खराबी आ जाती है। इसके कारण लाल रक्त कणिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जिससे गंभीर एनीमिया हो जाता है। हमारे देश में थैलीसीमिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में करीब 6 करोड़ लोग थैलेसीमिया माइनर से पीड़ित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर वर्ष 7-10 हजार थैलीसीमिया से ग्रस्त बच्चों का जन्म होता है।
क्या होता है थैलीसीमिया
यह अनुवांशिक रोग है, जो बच्चों को माता-पिता से विरासत में मिलता है। थैलीसीमिया के दो प्रकार होते हैं:
थैलीसीमिया मेजर
थैलीसीमिया माइनर
थैलीसीमिया माइनर तब होता है, जब बच्चे को क्षतिग्रस्त जीन एक ही पैरेंट यानी माता या पिता में से किसी एक से मिलता है। लेकिन जब माता और पिता दोनों से ही उसे क्षतिग्रस्त जीन मिलेंगे तो मेजर थैलीसीमिया की पूरी आशंका होती है। यदि माता-पिता दोनों सामान्य हैं तो उनके बच्चे थैलीसीमिया से पीड़ित नहीं होंगे।
माता-पिता में से किसी एक को यदि माइनर थैलीसीमिया है तो बच्चों को यह हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। यदि माता-पिता दोनों को माइनर थैलीसीमिया हो तो बच्चे को थैलीसीमिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसमें 25 प्रतिशत बच्चे सामान्य हो सकते हैं, 50 प्रतिशत को माइनर थैलीसिमिया व 25 प्रतिशत को मेजर थैलीसीमिया होने की आशंका अधिक होती है।
लक्षण
थैलीसीमिया मेजर के सबसे गंभीर रूप में मृत बच्चे का जन्म हो सकता है या गर्भावस्था के आखिरी समय में बच्चे की मृत्यु हो जाती है।
बच्चे जो थैलीसीमिया मेजर (कूले एनीमिया) के साथ जन्म लेते हैं, वे जन्म के समय सामान्य होते हैं, लेकिन जन्म के पहले वर्ष में उन्हें गंभीर एनीमिया हो जाता है।
अन्य लक्षण
चेहरे की हड्डियां का विकृत होना।
थकान।
असामान्य विकास।
त्वचा का पीला हो जाना (पीलिया)।
चेहरा सूख जाना और मुरझाया हुआ लगना।
लगातार कमजोरी और बीमारी की स्थिति बनी रहना, वजन नहीं बढ़ना।
उपचार
थैलीसीमिया मेजर के उपचार में नियमित अंतराल पर रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है। जो लोग रक्ताधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) ले रहे हैं, वे आयरन के सप्लीमेंट न लें, क्योंकि ऐसा करने से रक्त में आयरन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इससे हृदय, लीवर और एंडोक्राइन सिस्टम क्षतिग्रस्त हो जाता है। थैलेसीमिया के रोगी को डायबिटीज यानि शूगर होने का खतरा बढ़ जाता है।
शरीर में आयरन का स्तर बढ़ जाने पर चिलेशन थेरेपी की आवश्यकता पड़ती है, जिसमें अतिरिक्त आयरन को शरीर से बाहर निकाला जाता है। बच्चों में इस रोग के उपचार के लिए अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण (बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन Bone marrow transplant) सबसे कारगर होता है, जो सगे भाई या बहन द्वारा दिया जा सकता है।
बचाव
गंभीर थैलीसीमिया में 20 से 30 साल की उम्र में ही हार्ट फेल होने से मृत्यु हो जाती है। थैलीसीमिया के कम गंभीर रूप में आयु कम नहीं होती है। नियमित रूप से रक्त चढ़ाने और चिलेशन थेरेपी से सामान्य जीवन जीने में मदद मिलती है। सबसे कारगर उपाय है कि शादी से पहले लड़का-लड़की अपना चेकअप करा लें। थैलीसीमिया से पीड़ित दो लोगों को कभी आपस में शादी नहीं करनी चाहिए।
संभव है थैलीसीमिया की रोकथाम
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में ही थैलीसीमिया की जांच करा लेनी चाहिए और अगर वह थैलीसीमिया की कैरियर है, तब पति की भी जांच करानी चाहिए। अगर दोनों पॉजीटिव हैं, तब एंटी-नेटल डायग्नोसिस कराना चाहिए कि कहीं बच्चे को थैलीसीमिया होने का खतरा तो नहीं है। अगर बच्चा इससे पीड़ित है तो गर्भपात करा लेना चाहिए। अगर थैलीसीमिया से पीड़ित दो लोग शादी कर लेते हैं तो जन्म लेने वाले बच्चे के थैलीसीमिया मेजर से पीड़ित होने का खतरा 25 प्रतिशत बढ़ जाता है।
इसका इलाज बहुत मंहगा है, क्योंकि पूरे जीवन भर उसे रक्ताधान कराना होता है। लगातार रक्ताधान और आयरन की मात्रा बढ़ने से जीवन पर खतरा और बढ़ जाता है।
प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस क्या है?
प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस एक प्रभावकारी तकनीक है, जिससे जैविक विकारों को माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित होने से रोका जा सकता है। इस डायग्नोसिस में मां को स्टीम्युलेशन देकर अंडे प्रोडय़ूस कराए जाते हैं, जिन्हें इकट्ठा कर निषेचित कराया जाता है। फिर इन भ्रूणों को विभिन्न बीमारियों के लिए टेस्ट किया जाता है जैसे- थैलीसीमिया, डाउन सिंड्रोम इत्यादि, और केवल सामान्य भ्रूणों को गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता
Sunday, 23 March 2014
अपने इष्ट देव, गुरु या भगवान को जाने
पूरा अवश्य पढ़े
हम अपने इष्ट, भगवान या गुरु जी के दरबार, मंदिर या दर पर सिर्फ इसलिए जाते हैं कि हम जानते हैं कि केवल वही है जो हमारी किस्मत का फैसला कर सकते हैं और उनके सिवा कोई और विकल्प हैं ही नहीं कि जो हमारा उचित कर के या भाग्य सवार कर हमारी सभी तरह की मुश्किलों से हमें छुटकारा पाने में और हमारी झोली में खुशियों के मोती बरसाने की कृपा करें।
ऐसे में अगर एक तरफ हमारा विश्वास इतना अटल हैं तो क्यों हम दूसरों को उसी इष्ट देव, भगवान या गुरु के नाम का डर दिखाकर एक ही बात का दूसरा अर्थ निकाल लेते हैं।
एक बात तो तय है कि वह जो समस्त संसार की संरचना करता है और वह ही एकमात्र ऐसा पालक हैं जो हर घड़ी हमारे ऊपर अपनी रहमतो की बारिशें निरंतर करता हैं, वह किसी भी तरह से हमें किसी भी तरह के दुःख में देखना तो कतई पसंद नहीं करेगा।
आपको यदि कोई व्यक्ति कोई ऐसा संदेश भेजे जिसमें कहा गया है कि इस संदेश को कम से कम इतने लोगों को भेजे नहीं तो आपका अहित होगा।
तो ऐसे संदेश को सिर्फ यह जान कर मिटा दे कि इस संदेश को भेजने वाले व्यक्ति को अभी तक अपने इष्ट देव, गुरु या भगवान पर संदेह है।
मेरे दिल की ख्वाहिश
साईं तेरे दरबार में कोई कमी नहीं,
Saturday, 22 March 2014
Friday, 21 March 2014
Thursday, 20 March 2014
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 18/19
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा, किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|
---------------
श्री हेमाडपंत पर बाबा की कृपा कैसे हुई । श्री साठे और श्रीमती देशमुख की कथा, आनन्द प्राप्ति के लिये उत्तम विचारों को प्रोत्साहन, उपदेश में नवीमता, निंदा सम्बंधी उपदेश और परिश्रम के लिए मजदूरी ।
------------------------------
Wednesday, 19 March 2014
साईं जी की आँखों से काम लेते हैं ........
Tuesday, 18 March 2014
Monday, 17 March 2014
तेरा दामन छोडू कैसे
अक्ल की बातें करने वाले
क्या समझेगे दिल की धड़कन
कौन किसी के दुःख का साथी
आपने आसू अपना दामन
सांई,तेरा दामन छोडू कैसे
मेरी दुनिया तो बस तेरा दामन
जय सांई राम!!!
एक बस तू ही सुनने वाला है फ़रियाद टूटे हुए दिल की
झुकाया सर जो सजदे में,हो गयीं ये आँखें नम
ख़ुशी में भूल जाते हैं,मिले लेकिन जो ग़म कोई
दामन फैला कर तेरे दर पर चले आते हैं हम
सुना है बिन मांगे मिलता है दरबार-ए-इलाही में
कैसे जायेंगे भला हो के मायूस तेरे घर से हम
कहाँ जाएँ तेरे बन्दे न हो तू यूं ख़फा हमसे
" हिमेंद्र " हैं गुनाहों पर, तू करदे अब उस पे करम
Sunday, 16 March 2014
Saturday, 15 March 2014
मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो
फूल वी उगाए ते कंडे वी लगाए
सुख-दुख है सब उस ने बनाए
कारन-करावन वाला ओ आप
मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो
नफरत छड दो ,करो सब न नूं रज रज प्यार
साईं दी कहानियाँ नूं पड़ के समझो
हुन प्रेम -प्यार नूं मन विच वसाओ
जय साईं राम!!!
Friday, 14 March 2014
मेरे साईंयां मैनू कुत्तेयाँ च रख लै
Thursday, 13 March 2014
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 16/17
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा | किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है |
Wednesday, 12 March 2014
साईं बाबा जी ने कहा था :
ॐ सांई राम
"चाहे इस संसार में तुम कही भी जाओ, में हर जगह तुम्हारे साथ ही जाता हूँ | तुम्हारा ह्रदय ही मेरा घर है; में तुम्हारे अंत:करण में निवास करता हूँ" |
Tuesday, 11 March 2014
तेरा हाथ जिसने पकड़ा
दरिया में ड़ूब कर भी उसे मिल गया किनारा
सद्गुरु से जो मिला है कहीं और क्या मिलेगा
ये ऐसा सिलसिला है भगवान जा मिलेगा
डूबा जो प्रेम सागर मिलता उसे किनारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा वो रहा न बेसहारा
मन खोजता उसी को जिसने इसे सवांरा
जब भी जुबान खोली उसका ही नाम आया
सुनता है प्रभु उसीकी जिसने उसे पुकारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा मिलता उसे किनारा
झूठी है सारी दुनिया झूठी है इसकी बातें
झूठा है रूप इसका झूठी सारी ज़माते
समझाया जिंदगी ने बड़े काम का इशारा
तेरा हाथ जिसने पकड़ा उसे मिल गया किनारा
For Donation
OUR SERVICES
बाबा के 11 वचन
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.