भोले नाथ पर हर स्थिति में
विश्वास रखो.......
हमें वो नहीं मिलता......
तो इसका अर्थ ये नहीं हुआ की
भोले नाथ हमें प्यार नहीं करते.....
या उन्हें हमारी चिंता नहीं है,
एक घटना.......
एक घटना.......
आप सब को बताना चाहेंगे....
एक बार की बात हैं..
एक बार की बात हैं..
एक कल्पतरु का वृक्ष था..
जिसके नीचे बैठने से
जिसके नीचे बैठने से
मन की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती थी,
तो एक दिन एक आदमी धूप में थका हारा था..
तो एक दिन एक आदमी धूप में थका हारा था..
पेड़ के नीचे बैठ के सोचने लगा..
के काश पानी मिल जाये..
तो मेरी प्यास मिट जाएगी ||
तब पानी आ गया,
तब पानी आ गया,
फिर उसने कहा के काश
यहाँ पर खाना भी मिल जाये
यहाँ पर खाना भी मिल जाये
तो पेट भी भर जायेगा,
तो वहां खाना भी आ गया
तो वहां खाना भी आ गया
और उसने खा लिया.....
इसी तरह उसने सोचा के....
कहीं अगर यहाँ भूत आ जाये
और मुझे आ के खा जाये तो,
ठीक वैसा ही हुआ....
ठीक वैसा ही हुआ....
भूत आया और उसे आ के
खा भी गया....
क्यूंकि वो एक कल्पतरु का वृक्ष था....
खा भी गया....
क्यूंकि वो एक कल्पतरु का वृक्ष था....
मन की सभी इचाएं पूर्ण करता था......
वो ये नहीं देखता था की
वो ये नहीं देखता था की
वह किसी के हित में है
या नहीं........
या नहीं........
बस जो माँगा वो मिल जाता था......
पर हमारे भोले नाथ एक ऐसे कल्पतरु हैं......
पर हमारे भोले नाथ एक ऐसे कल्पतरु हैं......
जो सिर्फ वही देते हैं,
जो हमारे हित में होता हैं......
तो भोले नाथ को मालूम हैं की हमें
क्या मिलना चाहिए
तो भोले नाथ को मालूम हैं की हमें
क्या मिलना चाहिए
और क्या नहीं,
हमें सब उन पर छोड़ कर
निश्चिंत हो जाना चाहिए......
वो हैं ना हमारे बारे में सोचने के लिए......
बस यही बात याद रखो हमेशा......
बस यही बात याद रखो हमेशा......
के मेरी चिंता भोले नाथ को करनी हैं......
बाकी सब तुम्हारी चिन्ताओ का भार....
भोले नाथ अपने कंधे पर ले लेते हैं.......