ॐ सांई राम
आशीर्वाद बनाये रखना मेरे बाबा साँईं
भूला नहीं मैं आज तक मेरे बाबा
दिन में जब एक वक्त थी रोटी खाई
नहीं भूला वो शुभ घड़ी भी अब तक
जिस दिन पायी मैंने तेरी परछाई
भूल गई बीती रातें जो सपने सी आई
मुकाम पाया आज तेरी कृपा जो पाई
शुक्र तेरा आठो पहर दू नाम तेरे की दुहाई
ये किरपा मेरे साँईं की किरपा दूजा कोई नाहीं
रहम नज़र तेरी हुई सारी खुशियाँ मैंने पाई
कैसे भूलू करम तेरे दास ने नई जिंदगी पाई
परिवार बख्शा दुनिया से निराले बहन और भाई
आशीर्वाद बनाये रखना मेरे बाबा साँईं