शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

************************************

निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

************************************

Tuesday, 9 May 2023

भक्त सैन जी

 ॐ साँई राम जी



भक्त सैन जी
भूमिका:

भक्तों की महिमा अनन्त है| हजारों ही ऐसे भक्त हैं जिन्होंने परमात्मा का नाम जप कर भक्ति करके संसार में यश कमाया| ऐसे भक्तों में "सैन भगत जी" का भी नाम आता है|


परिचय:

श्री सैन जी के जन्म व परिवार के विषय में कुछ विशेष जानकारी प्राप्त नहीं होती| परन्तु इतना अवश्य कहा जा सकता है कि वह जाति से नाई थे| उनकी बाणी का शब्द भी है -


धूप दीप घ्रित साजि आरती || वारने जाउ कमला पती || १ ||
मंगला हरि मंगला || नित मंगलु राजा राम राइ को || १ || रहाउ ||
ऊतमु दीअरानिरमल बाती || तुंही निरंजनु कमला पाती || २ ||
रामा भगति रामानंदु जानै || पूरन परमानंदु बखानै || ३ ||
मदन मूरति भै तारि गोबिंदे || सैनु भणै भजु परमानंदे || ४ || २ ||

सैन जी के समय में भक्ति की लहर का जोर था| भक्त मंडलियाँ काशी व अन्य स्थानों में बन चुकी थी| भक्त मिलकर सतसंग किया करते थे| सैन नाई जी एक राजा के पास नौकर थे| वह सुबह जाकर मालिश व मुठी चापी किया करते थे| 

एक दिन संत आ गए| सारी रात कीर्तन होना था| प्रभु भक्ति में सैन जी इतने मग्न थे कि उन्हें राजा के पास जाने का ख्याल ही न रहा| संत सारी रात कीर्तन करते रहे| 

राजा ने सुबह उठना था और उसकी सेवा होनी थी| अपने भक्त की लाज रखने के लिए भक्तों के रक्षक ईश्वर को सैन जी का रूप धारण करके राजा के पास आना पड़ा| भगवान ने राजा की सेवा इतनी श्रद्धा के साथ की कि राजा प्रसन्न हो गया| प्रसन्न होकर उसने अपने गले का हार उतारकर सैन जी के भ्रम में भगवान को दे दिया| भगवान मुस्कराए और हार ले लिया| अपनी माया शक्ति से उन्होंने वह हार सैन जी के गले में डाल दिया और उनको पता तक न लगा| प्रभु भक्तों के प्रेम में ऐसा बन्ध जाता कि वश में होकर कहीं नहीं जाता| 

सुबह हुई| सैन जी को होश आया कि वह महल में नहीं गए तो राजा नाराज़ हो जाएगा| यह सोचकर वह महल की तरफ चल पड़े| आगे राजा बाधवगढ़ अपने महल में टहल रहा था| उसने स्नान करके नए वस्त्र पहन लिए थे| सैन उदासी के साथ राजा के पास पहुँचा तो राजा ने पूछा, "सैन! अब फिर क्यों आए? क्या किसी और चीज़ की जरूरत है? आज तुम्हारी सेवा से हम बहुत खुश हुए हैं|" 

सैन ने सोचा कि राजा मेरे से नाराज़ है| उसने कांपते हुए बिनती की, महाराज! क्षमा कीजिए, मैं नहीं आ सका| भक्त जन आ गए थे तो रात भर कीर्तन होता रहा| यह बात सुनकर राजा बहुत हैरान हुआ| उसने कहा "आज तुम्हें क्या हो गया है, यह कैसी बातें कर रहे हो, मेरे पास तुम समय पर आए| सोए को उठाया, नाख़ून काटे, मालिश की, स्नान करवाया, कपड़े पहनाए तथा मैंने प्रसन्न होकर अपना हार उतारकर तुझे दिया| वह हार आज तुम्हारे गले में है|"

सैन ने देखा उसके गले में सचमुच ही हार था| उस समय उसे ज्ञान हुआ तथा राजा को कहने लगा, यह सत्य है महाराज! मैं नहीं आया| मैं जिसकी भक्ति कर रहा था, उसने स्वयं आकर मेरा कार्य किया| यह माला आपने भगवान के गले में डाल दी थी और भगवान अपनी शक्ति से मेरे गले में डाल गए| यह तो प्रभु का चमत्कार है| 

यह सुनकर राजा बहुत हैरान हुआ| वह सैन जी चरणों में नतमस्तक होकर कहने लगा, भक्त जी! अब आपको राज्य की तरफ से खर्च मिला करेगा अब आप बैठकर भक्ति किया करें| 

ऐसे हुए भक्त सैन नाई जी| कबीर और रविदास जी की तरह आप की महिमा बेअन्त है| इस भक्त के बारे में भाई गुरदास जी लिखते हैं -

सुन प्रताप कबीर दा दूजा सिख होआ सैन नाई|
प्रेम भगति राती करे भलके राज दुवारै जाई|
आए संत पराहुने कीरतन होआ रैनि सबाई|
छड न सकै संत जन राज दुआरि न सेव कमाई|
सैन रूप हरि होई कै आया राने नों रिझाई|
रानै दूरहु सद के गलहु कवाई खोल पैन्हाई|
वस कीता हऊ तुध अ़ज बोलै राजा सुनै लुकाई|
प्रगट करै भगतां वडिआई|

For Donation

For donation of Fund/ Food/ Clothes (New/ Used), for needy people specially leprosy patients' society and for the marriage of orphan girls, as they are totally depended on us.

For Donations, Our bank Details are as follows :

A/c - Title -Shirdi Ke Sai Baba Group

A/c. No - 200003513754 / IFSC - INDB0000036

IndusInd Bank Ltd, N - 10 / 11, Sec - 18, Noida - 201301,

Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh. INDIA.

बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.