ॐ सांई राम
मेरा हर एक आँसू सांई तुझे ही पुकारे
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे
जब आप की याद सांई सही न जाए
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए
तब ज़ुबा, हाथ, पांव सब बेबस होते है
इन्ही का काम सांई आँसू कर देते है
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी
इस तङप को कुछ शांत कर देते है
जब तक ये बहते है सांई आँखे बंद रहती है
बंद आँखे ही सांई मुझे आप से मिलाती है
बह बह कर सांई जब ये आंसू थक जाते है
कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है,
पर आप की याद कभी नहीं थकती है,
बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है
मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए
आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।