ॐ सांई राम
कण कण विच साईं वास है तेरा, हर प्राणी साईं दास है तेरा
तेरी कुल कायनात है साईंयाँ, साडी की औकात
मैं मैं करके पाप दे भागी, क्यों बणिये क्यों बणिये
क्यों न तेरी रज़ा च रह के साईंयाँ सिमरन करिये
क्यों करिये हंकार निमाणा, दसदा ऐ इतिहास पुराणा
मैं दी हुन्दी मात मालका, साडी की औकात
नीवें होके सेवा करिये, नाम प्रभु दा लईये
भुलके वी अभिमान न करिये, हरदम राज़ी रहिये
सुख दे चाहे दुःख दे दाता, टूट नहीं सकदा अपना नाता
बणी रहे गल्ल बात मालका, साडी की औकात
दौलत शौहरत रुतबा ओहदा, सब कुछ तेरी माया
अज्ज इसनू कल उसनू बक्शे, अजब तू खेल रचाया
तेरे हथ विच डोर ऐ साईंयाँ, असी हाँ कमज़ोर वे साईंयाँ
मेहर करीं दिन रात वे साईंयाँ, साडी की औकात
कण कण विच साईं वास है तेरा, हर प्राणी साईं दास है तेरा
तेरी कुल कायनात है साईंयाँ, साडी की औकात
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।
तेरी कुल कायनात है साईंयाँ, साडी की औकात
मैं मैं करके पाप दे भागी, क्यों बणिये क्यों बणिये
क्यों न तेरी रज़ा च रह के साईंयाँ सिमरन करिये
क्यों करिये हंकार निमाणा, दसदा ऐ इतिहास पुराणा
मैं दी हुन्दी मात मालका, साडी की औकात
नीवें होके सेवा करिये, नाम प्रभु दा लईये
भुलके वी अभिमान न करिये, हरदम राज़ी रहिये
सुख दे चाहे दुःख दे दाता, टूट नहीं सकदा अपना नाता
बणी रहे गल्ल बात मालका, साडी की औकात
दौलत शौहरत रुतबा ओहदा, सब कुछ तेरी माया
अज्ज इसनू कल उसनू बक्शे, अजब तू खेल रचाया
तेरे हथ विच डोर ऐ साईंयाँ, असी हाँ कमज़ोर वे साईंयाँ
मेहर करीं दिन रात वे साईंयाँ, साडी की औकात
कण कण विच साईं वास है तेरा, हर प्राणी साईं दास है तेरा
तेरी कुल कायनात है साईंयाँ, साडी की औकात
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।