ॐ सांई राम
साईं तू सबसे है जुदा
है जुदा, है जुदा, है जुदा
हुआ हुआ हुआ मै हुआ
दीवाना साईं का हुआ
साईं तू सबसे है जुदा
साईं मेरी दीवानगी
साईं मेरी मस्तानगी
तुझपे कुरबां ईमान भी
तुझपे कुरबां हैं जान भी
साईं तू मेरा है खुदा
साईं तू सबसे है जुदा
साईं मैं तुझको देखकर
सारे जग से हूँ बेखबर
तेरे कदमों को चूमकर
तेरी मस्ती में झूमकर`
मस्ताना तेरा मै हुआ
साईं तू सबसे है जुदा
हैरान हूँ तेरी नेमतों पे हे खुदा
पत्थरों में भी परवरिश तू करता है
अमीरों से कराता परहेज़-ए-अन्न
और गरीब को भूख से तड़पाता है
आप सभी से अनुरोध है कि कृपा करके परिन्दो-चरिन्दो को भी उत्तम भोजन एवम पेय जल प्रदान करे, आखिर उनमे भी तो साई जी ही समाये है।
बाबा जी ने स्वयम इस बात की पुष्टि की है कि मुझे सभी जीवो में देखो।