ॐ सांई राम
साईं तुम तो दुःख हरता हो
मेरा दुःख दूर करो बाबा
साईं मेरा मन रोगी है
मेरे मन का रोग हरो बाबा
इसे काम क्रोध ने घेरा है
(और) अहम् का इस पर डेरा है
भक्ति तो कोसों दूर रही
इसे पाप पुंज ने घेरा है
अब तो आकर मेरे साईं तुम्ही
बीमार-ए-इलाज़ करो बाबा
साईं तुम तो दुःख हरता हो
मेरा दुःख दूर करो बाबा
साईं मेरा मन रोगी है
मेरे मन का रोग हरो बाबा
इसे सत्य का कोई ज्ञान नहीं
इसे झूठा जग ही प्यारा है
ये पापों से है भरा हुआ
लेता झूठों का सहारा है
अब कृपा करो हे साईं तुम्ही
इस पर उपकार करो बाबा
साईं तुम तो दुःख हरता हो
मेरा दुःख दूर करो बाबा
साईं मेरा मन रोगी है
मेरे मन का रोग हरो बाबा
जिस राह पे ये मन चलता है
वहां झूठे सुख ही मिलते हैं
भक्ति की मुश्किल राहों में
खुशिओं के कमल ही खिलते हैं
इस नादाँ मन का हे साईं
कुछ तो तुम ध्यान धरो बाबा
साईं तुम तो दुःख हरता हो
मेरा दुःख दूर करो बाबा
साईं मेरा मन रोगी है
मेरे मन का रोग हरो बाबा