ॐ सांई राम
साईं
ये समझाया और समझा जा नहीं सकता है
पर इतनी बात तो पक्की है कि
मेरा साईं मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे , चर्च में नहीं है
मेरा साईं मूर्ति, पत्थर या कागज़ में नहीं है
मेरा साईं भगवा कपड़ों में नहीं है
मेरा साईं खुल्ली धोती या कोई बोदी में भी नहीं है
मेरा साईं नदियों, गुफाओं या पहाड़ों में भी नहीं है
फिर कहाँ है मेरा साईं, मेरा बाबा
चलो मैं ही बताता हूँ...
मेरा साईं हर किसी के अन्दर है
मेरे साईं एक विशवास है
एक नियम है
एक एहसास है
एक सच है
जिस मन में साईं है ...वो मन ही मंदिर है
किसी में भी साईं जैसे गुणों का होना ही साईं का होना है
जैसे सूरज औरों के लिए जलता है
जैसे जल औरों को जीवन देता है
जैसे हवा औरों को सकून देती है
जैसे धरती माँ औरों को सब कुछ देती है
जैसे पेड़ अपने फल औरों को देते है
ठीक वैसे ही जो इन्सान सब औरों के लिए करता है
वो ही साईं जैसा है...
बाकी सब तो........................ .... ..............
ये समझाया और समझा जा नहीं सकता है
पर इतनी बात तो पक्की है कि
मेरा साईं मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे , चर्च में नहीं है
मेरा साईं मूर्ति, पत्थर या कागज़ में नहीं है
मेरा साईं भगवा कपड़ों में नहीं है
मेरा साईं खुल्ली धोती या कोई बोदी में भी नहीं है
मेरा साईं नदियों, गुफाओं या पहाड़ों में भी नहीं है
फिर कहाँ है मेरा साईं, मेरा बाबा
चलो मैं ही बताता हूँ...
मेरा साईं हर किसी के अन्दर है
मेरे साईं एक विशवास है
एक नियम है
एक एहसास है
एक सच है
जिस मन में साईं है ...वो मन ही मंदिर है
किसी में भी साईं जैसे गुणों का होना ही साईं का होना है
जैसे सूरज औरों के लिए जलता है
जैसे जल औरों को जीवन देता है
जैसे हवा औरों को सकून देती है
जैसे धरती माँ औरों को सब कुछ देती है
जैसे पेड़ अपने फल औरों को देते है
ठीक वैसे ही जो इन्सान सब औरों के लिए करता है
वो ही साईं जैसा है...
बाकी सब तो........................ ....