ॐ सांई राम
सब रूठे पर साईं न रूठे,
सब छूटे पर साईं कृपा न छूटे,
जहाँ जहाँ पड़े चरण साईं के,
झुके वहीँ पर शीश हमारे,
मेरी दौलत साईं भक्ति है,
यह संपत्ति कोई न लूटे,
तोड़ के सब बंधन माया के,
शरण में आया साईं चरण के,
साईं प्रेम में बन्ध जाऊँ,
यह मेरा सौभाग्य न फूटे,
मुझ पापी पर रहम नज़र कर,
पतित को पावन राह दिखाकर,
भक्ति भाव की भिक्षा देकर,
जन्म मरण का कष्ट मिटा दे,
मेरे मन मंदिर प्रभो साईं,
कभी कहीं हो जाये न खाली,
उधर हृदय से तुम जाओ और,
इधर साँस की डोरी टूटे |
-: आज का साईं सन्देश :-