ॐ सांई राम
अंधेरी ज़िन्दगी में एक सवेरा दे दो,
धरती आसमां के बीच बसेरा दे दो,
जीवन के तूफान में एक किनारा दे दो,
साईं नाथ अपने चरणों में आसरा दे दो,
अपनी रहमत का नज़ारा दे दो ||
धरती आसमां के बीच बसेरा दे दो,
जीवन के तूफान में एक किनारा दे दो,
साईं नाथ अपने चरणों में आसरा दे दो,
अपनी रहमत का नज़ारा दे दो ||
शिरडी वाले सांई बाबा तू ही है एक हमारा,
जो भी तेरे दर पर आता मिलता उसे सहारा,
तुझसे लगन लगाके जोत जलाके,
जो भी तेरे दर पर आता मिलता उसे सहारा,
तुझसे लगन लगाके जोत जलाके,
भूल गया भूल गया मैं तो भूल गया,
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गया ||
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गया ||
सुबह शाम शिरडी वाले में फेरु तेरी माला,
तुझमें मन्दिर तुझमें मस्जिद तुझमें ही गुरुद्वारा,
तू है सारे जग का मालिक तू सारे जग का रखवाला,
तेरी भक्ति में सांई जी भूल गया भूल गया,
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गया ||
तुझमें मन्दिर तुझमें मस्जिद तुझमें ही गुरुद्वारा,
तू है सारे जग का मालिक तू सारे जग का रखवाला,
तेरी भक्ति में सांई जी भूल गया भूल गया,
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गया ||
अंधियारे को दूर करे पानी से दीप जलाये,
तेरे दर पे जो आये उसे सच्ची राह दिखाये,
उसको सब कुछ भी मिल जाये जो तुझमें खो जाये,
शिरडी वाले सांई बाबा दुनिया भूल गया मैं,
ओ मैं तो भूल गया भूल गया,
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गया..... ||
तेरे दर पे जो आये उसे सच्ची राह दिखाये,
उसको सब कुछ भी मिल जाये जो तुझमें खो जाये,
शिरडी वाले सांई बाबा दुनिया भूल गया मैं,
ओ मैं तो भूल गया भूल गया,
ओ सांई बाबा सारी दुनिया भूल गया..... ||