शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Monday, 9 November 2020

श्री साईं लीलाएं - मूंगफली से अतिसार से मुक्ति

ॐ सांई राम


कल हमने पढ़ा था.. बूटी का रोग छूमंतर

श्री साईं लीलाएं - मूंगफली से अतिसार से मुक्ति
   
काका महाजनी साईं बाबा के परम भक्त थे| एक बार उन्हें अतिसार का रोग हो गया| अतिसार रोग में बार-बार दस्त होते हैं| बाबा की सेवा में कोई व्यवधान न पड़े इसलिए वे एक लोटे में पानी भरकर मस्जिद के एक कोने में रख देते थे, ताकि परेशानी होने पर शीघ्र बाहर जा सकें| साईं बाबा को सब पता था कि काका को अतिसार का रोग है| परन्तु काका ने बाबा को यह बात न बतायी|

मस्जिद में आंगन बनाने की स्वीकृति मिल जाने पर काम शुरू हो गया| कुछ देर बाद बाबा लेंडी बाग से सैर करके लौटे तो कुदाल की आवाज सुनते ही आगबबूला हो क्रोध में भरकर चिल्लाने लगे| बाबा के क्रोध को देख के वहां उपस्थित भक्तों में भगदड़ मच गई, लेकिन जब काका भागने के लिए उठे तो बाबा ने उनकी कलाई पकड़कर वहीं बैठा लिया| इसी अफरा-तफरी में वहां किसी भागनेवाले की मूंगफली की थैली वहीं पर रह गई| उसमें मूंगफली के भुने हुए दाने भरे हुए थे| बाबा ने उसमें से मुट्ठीभर दाने निकाले और छीलकर काका को खाने को दिए और खुद भी खाने लगे| जब मूंगफली के दाने खत्म हो गये, तब बाबा ने काका से कहा कि मुझे प्यास लगी है| जाओ, जाकर पानी ले आओ|

काका गए और एक घड़ा पानी भर लाए| तब बाबा ने उसमें से पानी पिया और काका को भी पिलाया| फिर इसके बाद बाबा बोले - "आज से तुम्हारे अतिसार की छुट्टी| अब तुम फर्श का काम-काज देख सकते हो|

कुछ देर में ही जो लोग भाग गये थे, वे वापस मस्जिद में लौट आये और आंगन का कार्य फिर से शुरू हो गया| इसके बाद काका को अतिसार की परेशानी नहीं हुई| यह बाबा की लीला ही तो थी जो मूंगफली से अतिसार बढ़ने की बजाय ठीक हो गया|

कल चर्चा करेंगे..ऊदी और आशीर्वाद का चमत्कार

ॐ सांई राम
ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं

बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.