दुनिया का उद्धार करने आये मेरे साईं जी
ॐ सांई राम
कलयुग में अवतार लेके आये मेरे साईं जी
दुनिया का उद्धार करने आये मेरे साईं जी
सतयुग में ये नरसिंह थे और त्रेता में श्री राम
द्वापर में ये कृष्ण भये कलयुग में साईं भगवान्
इस युग का आधार बनके आये मेरे साईं जी
राम, कृष्ण का सार लेके आये मेरे साईं जी
कलयुग में अवतार लेके आये मेरे साईं जी
दुनिया का उद्धार करने आये मेरे साईं जी
साईं जी साईं जी मेरे प्यारे साईं जी
साईं जी साईं जी मेरे प्यारे साईं जी
कलयुग में अवतार लिया तो पहुंचे शिर्डी धाम
सबका मालिक एक है भेजा दुनिया को पैग़ाम
दर्शन दे दो अब तो साईं अखियाँ क्यों तरसाई रे
दर्शन करने सारी दुनिया तुमरे दर पे आई रे
कलयुग में अवतार लेके आये मेरे साईं जी
दुनिया का उद्धार करने आये मेरे साईं जी
साईं जी साईं जी मेरे प्यारे साईं जी
साईं जी साईं जी मेरे प्यारे साईं जी
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-: आज का साईं सन्देश :-
वे दोनों मस्जिद गये,
बाबा बैठे आय |
साईं कहते प्रेम से,
बहस न करना भाय ||
वाड़े साठे बैठकर,
काहे बहस कराय |
बात कहे हेमांड जो,
मुझको दो समझाय ||
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बाबा के 11 वचन
ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.