ॐ सांई राम
जिंदगी में सिमरन की मिठ्ठास रहे,
अपने सद्गुरु पे पूरा विश्वास रहे।
कहने को तो दुखों की नगरी है ज़िन्दगी,
पर ख़ुशी से कट जावे अगर,
सद्गुरु साईं जी का साथ रहे..।
श्री साईं शरणम्,
ॐ सांई मंगलम्,
ॐ सांई मंगलम्,
सांई नाम मंगलम्.
पावन भूमि शिरडी
सांई धाम मंगलम्...
सदगुरू श्री सांईनाथ महाराज जी के ग्यारह (11) वचन
जो शिरडी में आयेगा,
आपद दूर भगाएगा ।। 1 ।।
चढे समाधि की सीढ़ी पर,
पैर तले दुःख की पीढ़ी कर ।। 2 ।।
त्याग शरीर चला जाऊंगा,
भक्त-हेतु दौड़ा आऊंगा ।। 3 ।।
मन में रखना दृढ़ विश्वास,
करें समाधि पूरी आस ।। 4 ।।
मुझे सदा जीवित ही जानो,
अनुभव करो सत्य पहचानो ।। 5 ।।
मेरी शरण आ खाली जाये,
हो तो कोई मुझे बताये ।। 6 ।।
जैसा भाव रहा जिस जन का,
वैसा रुप हुआ मेरे मन का ।। 7 ।।
भार तुम्हारा मुझ पर होगा,
वचन न मेरा झूठा होगा ।। 8 ।।
आ सहायता लो भरपूर,
जो मांगा वह नही हैं दूर ।। 9 ।।
मुझ में लीन वचन मन काया,
उसका ऋणन कभी चुकाया ।। 10 ।।
धन्य-धन्य वह भक्त अनन्य,
मेरी शरण तज जिसे न अन्य ।। 11 ।।