ॐ साँई राम
मुझे तूने बाबा बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का
इसी पर गुज़ारा मेरी जिन्दगी का
मिला मुझको जो कुछ तुम्ही से मिला है
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
ॐ साँईं राम ........
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का
इसी पर गुज़ारा मेरी जिन्दगी का
मिला मुझको जो कुछ तुम्ही से मिला है
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
ॐ साँईं राम ........
मै नहीं मेरा नहीं यह तन गुरु का है दिया
जो भी अपने पास है वह धन गुरु का है दिया
देने वाले ने दिया वो भी दिया किस शान से
लेने वाला कह उठा मेरा है यह अभिमान से
जो भी मिला वो हमेशा पास रह सकता नहीं
कब बिछड जाए ये राज़ कह सकता नहीं
जिन्दगानी का किला मधुबन गुरु का है दिया....
जो भी अपने पास है वह धन गुरु का है दिया
देने वाले ने दिया वो भी दिया किस शान से
लेने वाला कह उठा मेरा है यह अभिमान से
जो भी मिला वो हमेशा पास रह सकता नहीं
कब बिछड जाए ये राज़ कह सकता नहीं
जिन्दगानी का किला मधुबन गुरु का है दिया....
!!! ॐ साँईं राम !!!
अब बस चढ़ जाए ऐसा रंग,
मेरे साईंके प्यार का रंग,
मेरे बाबा की प्रीत का रंग,
साँईं की श्रद्धा का रंग,
बाबा की सबुरी का रंग
...मेरे बाबा का रंग,
शुद्धता का रंग ,
तन मन की पवित्रा का रंग
सब तरफ बाबा का रंग
ये दुनिया पागलखाना है
कोई रूप रंग का पागल है, कोई पागल मान बढाई का...
कोई धन वैभव का पागल है, कोई पागल है चतुराई का...
कोई बल कौशल का पागल है, कोई पागल है कविताई का...
लेकिन सबसे बड़ा वो पागल है, जो पागल है साँई का...
Special thanks to all my friends who have send me these beautiful lines......
कोई रूप रंग का पागल है, कोई पागल मान बढाई का...
कोई धन वैभव का पागल है, कोई पागल है चतुराई का...
कोई बल कौशल का पागल है, कोई पागल है कविताई का...
लेकिन सबसे बड़ा वो पागल है, जो पागल है साँई का...
Special thanks to all my friends who have send me these beautiful lines......