शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Saturday, 24 November 2018

मुझे तुमने मालिक बहुत कुछ दिया है,

ॐ सांई राम



मुझे तुमने मालिक बहुत कुछ दिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,
जो मिलती ना गर दी हुयी दात तेरी
तो क्या थी जमाने में औकात मेरी
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,

Oh Master(Lord), You have given me lots and lots
Thanks to thee - Thanks to thee
If your gracious blessing would not have been there,
What would have been my condition in this world (Did I ever have a standing in this world)?
Thanks to thee - Thanks to thee



मुझे है सहारा तेरी बंदगी का
यही है गुज़ारा मेरी जिंदगी का
यह बन्दा तेरे ही सहारे जिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,
मिला मुझको सब कुछ बदौलत तुम्हारी
मेरा कुछ नहीं सब है दौलत तुम्हारी
उसे क्या कमी जो तेरा हो लिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,


Your worship is my support/ help
This is how I lead my life
This servant is living purely by your support/help
Thanks to thee - Thanks to thee
I got everything - By your grace
Nothing is mine - Everything is your wealth
What can be lacking for one who has become yours
Thanks to thee - Thanks to thee

मेरा ही नहीं तू सबी का है दाता
सभी को सभी कुछ देता दिलाता
तेरा ही दिया सबने खाया पीया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,
किया कुछ ना मैंने शर्मसार हूँ मैं
तेरी राहतों का करजदार हूँ मैं
दिया कुछ नहीं बस लिया ही लिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,

You are not just my Giver - You are the Giver for everyone
For everyone, your are the one who gives everything and who brings about or bestows everything
It is just all yours, which we are eating and drinking (relishing and enjoying)
Thanks to thee - Thanks to thee
I did not do anything - I am ashamed of myself
I owe you for all your grace and mercy
I have never given anything - Just taken everything
Thanks to thee - Thanks to thee


करें आस उम्मीद फिर पूरी भी होगी
जो अब तक है रहमत वह आगे भी होगी
बुझे ना प्यार का जो दिया है
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया है,

All desires and their fullfilment with fruitless aspirations, come through his
grace and for such a desireless person those gracious blessing of Sai will continuously happen
Thanks to thee - Thanks to thee

For Donation

For donation of Fund/ Food/ Clothes (New/ Used), for needy people specially leprosy patients' society and for the marriage of orphan girls, as they are totally depended on us.

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A/c. No - 200003513754 / IFSC - INDB0000036

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Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh. INDIA.

बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.