शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Monday, 9 July 2018

श्री साईं लीलाएं- बाबा जी का अमृतोपदेश

ॐ सांई राम




कल हमने पढ़ा था.. रोहिला के प्रति प्रेम   

श्री साईं लीलाएं

बाबा जी का अमृतोपदेश

एक समय की बात है जब दोपहर की आरती के बाद भक्त अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे थे तो तब बाबा ने उन्हें अपनी सुमधुर वाणी में अमृतोपदेश देते हुए कहा - "तुम कहीं भी रहोकुछ भी करोलेकिन इतना याद रखो कि तुम जो कुछ भी करते होतुम्हारी हरेक करतूत की खबर सदैव मुझे रहती हैमैं ही सब जीवों का स्वामी हूं और मैं सबके हृदयों में वास करता हूंसंसार के जितने भी जड़-चेतन जीव हैंवे मेरे ही उदर में समाए हुए हैंइस समस्त ब्रह्माण्ड का नियंत्रण व संचालन करने वाला भी मैं ही हूंमैं ही संसार की उत्पत्ति करता हूंमैं ही इसका पालन-पोषण करता हूं और मैं ही इसका संहार करता हूंलेकिन जो लोग मेरी भक्ति करते हैंउन्हें कोई भी कुछ भी संकट नहीं आयेगालेकिन जो मेरी भक्ति से विमुख रहते हैंउसे माया अपने मकड़जाल में फंसा लेती हैइस संसार में सारे जीव-जंतुसंसार में दृश्यमानविद्यमान जो कुछ भी हैवह सब मेरा ही प्रतिरूप है|"बाबा आगे कहते हैं - "इन कथाओं को एकाग्र भाव सेप्रेम और श्रद्धा-विश्वास रखकर सुनने और स्मरण करने तथा व्यक्ति का रहस्य समझने पर जन्म-जन्मान्तरों के दु:खों से मुक्ति प्राप्त होगीसाईं कृपा का बादल तुम पर बरसेगा और शुद्ध ज्ञान (आत्म-ज्ञान) तुम्हारे अंदर जागेगाव्रत और नियमन करोउपवास करके शरीर को कष्ट मत दोतीर्थ-तीर्थ भटकने की भी आवश्यकता नहीं हैसिर्फ साईं बाबा की लीलाओं का श्रवण करोऐसा करने से तुम्हारे अज्ञान का नाश होकर मुक्ति का मार्ग खुलेगा|
कल चर्चा करेंगे..गौली बुआ की कथा

==ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ==
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें । 

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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.