साईं दा मज़हब ना कोई
ॐ श्री साँईं राम जी
एथे मन डोलदा नहीं
हंजुआं नू रोलदा नहीं
एह सच्चा दरबार ए
एह साईं सरकार ए
एह साईं सरकार ए
आये जो झोलियाँ लै के
गए ने सदा खैरां लै के
ओहने तां वरदान दिता ए
ओह तां देवन हार ए
एह साईं सरकार ए
एह सच्चा दरबार ए
एह साईं सरकार ए
दिला विच सबदे वसदा ए
दिला दियां सबदी सुणदा ए
ओहदे जिहा होर नहीं कोई
ओह तां जाणनहार ए
एह साईं सरकार ए
एह सच्चा दरबार ए
एह साईं सरकार ए
साईं दी ज़ात ना कोई
साईं दा मज़हब ना कोई
मज़हब दा नाम ना कोई
महिमा दा अंत ना कोई
ओ ताँ अपरम्पार ए
एह साईं सरकार ए
एह सच्चा दरबार ए
एह साईं सरकार ए
सब ने साईं नू प्यारे
जो हैण गमा दे मारे
ओ तां सबदी सुणदा ए
भगतां नूं तारण वाला
ओ तां तारण हार ए
एह साईं सरकार ए
एह सच्चा दरबार ए
एह साईं सरकार ए
A special Thanks to Ravinder Didi for such a wonderful bhajans we are sharing this week since 7th of May 2014 on daily through our Blog. Baba ji Bless you Didi.
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बाबा के 11 वचन
ॐ साईं राम
1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य
.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥
Word Meaning of the Gayatri Mantra
ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe
these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation
धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"
dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God
भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।
Simply :
तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.