ॐ साईं राम
सदा सदा साईं पिता मन में करो निवास,
सच्चे हृदय से करूँ तुम से यह अरदास |
कारण करता आप हो सब कुछ तुमरी दात,
साईं भरोसे मैं रहूँ तुम ही हो पिता और मात |
विषयों में मैं लीन हूँ पापों का नहीं अंत,
फिर भी मैं तो तेरा हूँ राख लियो भगवंत |
राख लियो हे राखन हारा साईं ग़रीब नवाज़,
तुझ बिन तेरे बाल के कौन सवारे काज |
दया करो दया करो दया करो मेरे साईं,
तेरे सिवा मेरा कौन है बाबा इस जग माहीं |
मैं तो कुछ भी नहीं हूँ सब कुछ तुम हो नाथ,
बच्चों के सर्वस्व प्रभु तुम सदा रहो मेरे साथ |