ॐ सांई राम
तेरी शान तेरे जलाल को
मैंने जब से दिल मैं बिठा लिया |
मैं ने सब चिराग बुझा दिये
मैं ने इक चिराग जला लिया ||
तेरी याद ही मेरी आस है
तेरी धुल मेरा लिबास है |
अब मुझे तू अपना बना भी ले
मैं ने तुजको अपना बना लिया ||
तेरी शान ................
मैंने जब से दिल मैं बिठा लिया |
मैं ने सब चिराग बुझा दिये
मैं ने इक चिराग जला लिया ||
तेरी याद ही मेरी आस है
तेरी धुल मेरा लिबास है |
अब मुझे तू अपना बना भी ले
मैं ने तुजको अपना बना लिया ||
तेरी शान ................
मुझे धुप-छावं का गम नहीं
तेरे काँटों फूलों से कम नहीं |
मुझे जान से भी अज़ीज़ है
इस चमन मैं तेरा दिया लिया ||
तेरी शान ................
तेरी रहमते बेहिसाब हैं
करूँ किस जुबान से शुक्रिया |
मुझसे जब भी कोई खता हुई
तुने फिर गले से लगा लिया ||
तेरी शान ................
तू अमीर है मैं गरीब हूँ
तेरा मेरा रिश्ता अजीब है |
कभी रुक गया तो चला लिया
कभी गिर गया तो चला लिया ||
तेरी शान ................
कभी आसमां पे है आदमी
कभी आदमी है ज़मीन पर |
तेरे काँटों फूलों से कम नहीं |
मुझे जान से भी अज़ीज़ है
इस चमन मैं तेरा दिया लिया ||
तेरी शान ................
तेरी रहमते बेहिसाब हैं
करूँ किस जुबान से शुक्रिया |
मुझसे जब भी कोई खता हुई
तुने फिर गले से लगा लिया ||
तेरी शान ................
तू अमीर है मैं गरीब हूँ
तेरा मेरा रिश्ता अजीब है |
कभी रुक गया तो चला लिया
कभी गिर गया तो चला लिया ||
तेरी शान ................
कभी आसमां पे है आदमी
कभी आदमी है ज़मीन पर |
ये सजा भला उसे क्यों मिले
जिसने अपने सर को झुका लिया ||
तेरी शान ................
मेरे साथ साया है साईं का
बस ये तसल्ली की बात है |
मैं तेरी नज़र से न गिर सका
मुझे हर नज़र ने गिरा लिया ||
तेरी शान ................
जिसने अपने सर को झुका लिया ||
तेरी शान ................
मेरे साथ साया है साईं का
बस ये तसल्ली की बात है |
मैं तेरी नज़र से न गिर सका
मुझे हर नज़र ने गिरा लिया ||
तेरी शान ................