ॐ सांई राम
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
जिसमें सारी उमर कट जाय
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जहां बनाऊँ कुटी मैं सांई
वहीं धाम तेरा बन जाए
तेरे चरण की धूल उठाऊँ
फिर दीवारो पे लेप लगाऊ
सांई जी दया करके
दरवाज़े पर श्रद्धा सबूरी लिखना
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
उस घर के अन्दर सांई
तेरा इक मन्दिर होवे
मन्दिर अन्दर मेरे सांई
तेरी सुन्दर मूरत होवे
मन भावों का हार बनाऊँ
तब इच्छा पूरी होवे
साँझ सवेरे उन भावों का
तुमको हार पहनाऊँ
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
भक्तिभाव से भरा हुआ
उस घर में परिवार होवे
श्यामा-तात्या हों संग में
और भगत म्हालसापति होवे
भक्तमंडली वहां विराजे
और लक्ष्मी बाई होवे
चारों पहर की होय आरती
नित-नित दर्शन होवे
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
गुरूवार के रोज़ वहां
सांई तेरा भंडारा होवे
हलुआ पूरी और खिचड़ी
भोग वहां लगता होवे
सांई के हाथों हांडी में
कुछ भोजन पकता होवे
सांई प्रेम से भोग लगावें
जूठन मोहे मिल जावे
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
चैत मास में नवमी के दिन
उर्स भरे मेला होवे
यशुदा नन्दन पालने झूलें
राम जन्म सुन्दर होवे
सांई नाथ कि चले पालकी
मैं भी नाचूँ गाऊँ
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय ||
जहां बनाऊँ कुटी मैं सांई
वहीं धाम तेरा बन जाए
तेरे चरण की धूल उठाऊँ
फिर दीवारो पे लेप लगाऊ
सांई जी दया करके
दरवाज़े पर श्रद्धा सबूरी लिखना
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
उस घर के अन्दर सांई
तेरा इक मन्दिर होवे
मन्दिर अन्दर मेरे सांई
तेरी सुन्दर मूरत होवे
मन भावों का हार बनाऊँ
तब इच्छा पूरी होवे
साँझ सवेरे उन भावों का
तुमको हार पहनाऊँ
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
भक्तिभाव से भरा हुआ
उस घर में परिवार होवे
श्यामा-तात्या हों संग में
और भगत म्हालसापति होवे
भक्तमंडली वहां विराजे
और लक्ष्मी बाई होवे
चारों पहर की होय आरती
नित-नित दर्शन होवे
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
गुरूवार के रोज़ वहां
सांई तेरा भंडारा होवे
हलुआ पूरी और खिचड़ी
भोग वहां लगता होवे
सांई के हाथों हांडी में
कुछ भोजन पकता होवे
सांई प्रेम से भोग लगावें
जूठन मोहे मिल जावे
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय
चैत मास में नवमी के दिन
उर्स भरे मेला होवे
यशुदा नन्दन पालने झूलें
राम जन्म सुन्दर होवे
सांई नाथ कि चले पालकी
मैं भी नाचूँ गाऊँ
घर मेरा ऐसा बनाना सांई नाथ
जिसमें सारी उमर कट जाय ||