नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
मैंने भी सब कुछ पाया साईं, तेरे चरणों में आके,
जिसने सच्चे मन से, साईं को हाल सुनाया अपना,
बाबा ने आशीष दिया, और सच्चा कर दिया सपना,
साईं सौगात बाँट रहे हैं, चरणों में बिठाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
वर्षों पहले साईं ने, मस्जिद में धुनी जलाई,
इसकी उदी भक्तों ने, मस्तक पे लगाई,
विभूति ने शक्ति दिखलाई, दुखड़ा सब का मिटाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
पानी से दीप जला के, जगमग कर दी रात,
साईं समाधि आज भी, भक्तो से करती है बात,
जीवन में हो गया, उजाला दर पे दीप जलाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
जबसे किये दर्शन साईं के, जागा भाग्य मेरा,
जीवन भर मैं याद करुँगी, साईं उपहार ये तेरा,
जीना कभी न चाहूँगी, साईं को भुलाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
मैंने भी सब कुछ पाया साईं, तेरे चरणों में आके
मैंने भी सब कुछ पाया साईं, तेरे चरणों में आके,
जिसने सच्चे मन से, साईं को हाल सुनाया अपना,
बाबा ने आशीष दिया, और सच्चा कर दिया सपना,
साईं सौगात बाँट रहे हैं, चरणों में बिठाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
वर्षों पहले साईं ने, मस्जिद में धुनी जलाई,
इसकी उदी भक्तों ने, मस्तक पे लगाई,
विभूति ने शक्ति दिखलाई, दुखड़ा सब का मिटाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
पानी से दीप जला के, जगमग कर दी रात,
साईं समाधि आज भी, भक्तो से करती है बात,
जीवन में हो गया, उजाला दर पे दीप जलाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
जबसे किये दर्शन साईं के, जागा भाग्य मेरा,
जीवन भर मैं याद करुँगी, साईं उपहार ये तेरा,
जीना कभी न चाहूँगी, साईं को भुलाके,
नीम के पत्ते मीठे हो गये, साईं की शरण पाके,
मैंने भी सब कुछ पाया साईं, तेरे चरणों में आके