ॐ सांई राम
साईं नाम साईं नाम जपता जा
साईं राम साईं राम रटता जा
साईं नाम साईं नाम जपता जा
साईं राम साईं राम रटता जा
साईं नाम जप ले बन्दे तर जायेगा
साईं नाम जप ले बन्दे तर जायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
माटी का चोला माटी बन जायेगा
(बन जायेगा)
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
सारा जीवन तू डोला
कभी राम नाम न बोला
सारा जीवन तू डोला
कभी राम नाम न बोला
बड़ी मुश्किल से मिलता है मानव का ये चोला
हीरा जन्म अमोल तू यूँ ही गवायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
साईं नाम जप ले बन्दे तर जायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
तेरे पाप पुण्य का लेखा
सब साईं ने है देखा
तेरे पाप पुण्य का लेखा
सब साईं ने है देखा
कर दे साईं को अर्पण, अपने कर्मों का लेखा
कर्मों का फल इस जनम में ही कट जायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
साईं नाम जप ले बन्दे तर जायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
अब तो बन्दे तू संभल जा
इस जीवन में कुछ कर जा
अब तो बन्दे तू संभल जा
इस जीवन में कुछ कर जा
साईं चरणों में आ के, भव सागर से तू तर जा
चाह के भी फिर तू कुछ ना कर पायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
साईं नाम जप ले बन्दे तर जायेगा
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
माटी का चोला माटी बन जायेगा
(बन जायेगा)
टूट गयी गर डोर तो फिर पछतायेगा
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
भाग्यवान है मानव तुझको
सिमरन को जिह्वा है मिली
मन में जगा ले नाम की ज्योति
ये काया है मिटने चली
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
जग जा अब भी ओ प्राणी
ये समय गुज़रता जायेगा
ये माटी का पुतला इक दिन
माटी में मिल जायेगा
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
झूठी धन दौलत पे प्राणी
क्यों इतराए घड़ी घड़ी
मन में जगा ले नाम की ज्योति
ये काया है मिटने चली
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
इसी नाम की नाव पे तर गयी
कृष्ण भक्त मीरा बाई
पी गयी विष का प्याला फिर भी
उसको मौत नहीं आई
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
मन में रख श्रद्धा सबुरी
करता जा तू सबकी भली
मन में जगा ले नाम की ज्योति
ये काया है मिटने चली
राम साईं राम साईं राम साईं राम
शाम साईं शाम साईं शाम साईं शाम
भजन की प्रस्तुति बहन रविंदर जी के द्वारा
भजन की प्रस्तुति बहन रविंदर जी के द्वारा