ॐ सांई राम
मक्के गया गल मुकदी नइयों
भावें सौ सौ जुम्मा पढ़ आइये
भावें सौ सौ जुम्मा पढ़ आइये
गंगा गया गल मुकदी नइयों,
भावें सौ सौ गोते खाइये,
गायाँ गायाँ गल मुकदी नइयों
भावें सौ सौ पिंड भर आइये,
वे बुल्लेशाह गल ताइयों मुकदी
जदों मैं नु दिलों गवाईये ,
नाम जपने से साईं न माने,
सर झुकाने से साईं न माने,
दिल दुखाया जो तुमने किसी का
शिर्डी जाने से साईं न माने,
नाम जपने से साईं न माने,
सर झुकाने से साईं न माने,
मन में कुछ है और कुछ है ज़ुबां पे,
कैसा धोखा ये दुनिया को देते,
ऐसे झूठों से साईं न माने,
मन के कालों से साईं न माने,
साईं बाबा की जपते है माला,
करते नित ही बड़ा ये घोटाला
साईं सेवा का पीटें ढीनडोरा
ऐसे लोगों को साईं जी जाने
तन के जोगी, मगर मन के लोभी,
फिर मुरादें क्यूँ ये पूरी होंगी,
सूफी संतों की करते है बातें,
इनके रवईये को दुनिया ये जाने,
दिन के उजाले में निर्धन को लूटें,
साईं संध्या में ये देखो डूबे,
सुनने वालों से साईं न माने,
गाने वालों से साईं न माने,
अपने धर्मों का पालन जो करते,
साईं अंग संग हैं उनके रहते,
गंगा सागर सा तीर्थ मिलेगा
पिता माता में साईं समाये,
नाम जपने से साईं न माने,
सर झुकाने से साईं न माने,
भावें सौ सौ गोते खाइये,
गायाँ गायाँ गल मुकदी नइयों
भावें सौ सौ पिंड भर आइये,
वे बुल्लेशाह गल ताइयों मुकदी
जदों मैं नु दिलों गवाईये ,
नाम जपने से साईं न माने,
सर झुकाने से साईं न माने,
दिल दुखाया जो तुमने किसी का
शिर्डी जाने से साईं न माने,
नाम जपने से साईं न माने,
सर झुकाने से साईं न माने,
मन में कुछ है और कुछ है ज़ुबां पे,
कैसा धोखा ये दुनिया को देते,
ऐसे झूठों से साईं न माने,
मन के कालों से साईं न माने,
साईं बाबा की जपते है माला,
करते नित ही बड़ा ये घोटाला
साईं सेवा का पीटें ढीनडोरा
ऐसे लोगों को साईं जी जाने
तन के जोगी, मगर मन के लोभी,
फिर मुरादें क्यूँ ये पूरी होंगी,
सूफी संतों की करते है बातें,
इनके रवईये को दुनिया ये जाने,
दिन के उजाले में निर्धन को लूटें,
साईं संध्या में ये देखो डूबे,
सुनने वालों से साईं न माने,
गाने वालों से साईं न माने,
अपने धर्मों का पालन जो करते,
साईं अंग संग हैं उनके रहते,
गंगा सागर सा तीर्थ मिलेगा
पिता माता में साईं समाये,
नाम जपने से साईं न माने,
सर झुकाने से साईं न माने,
-: आज का साईं सन्देश :-