ॐ साईं राम
हिन्दू और मुस्लिम का हमदम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
मंदिर की दीवारों में मस्जिद की मीनारों में
साईं का नज़ारा है देखो चाँद सितारों में
जन्नत की बहारों का मौसम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
कोई राम साईं कहता है कोई अल्लाह साईं कहता है
कोई कुछ भी चाहे कहता है वो सबके दिल में रहता है
है राम जन्म की धूम मोहर्रम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
साईं का करिश्मा है जब होठों को हिलाते हैं
मस्जिद में चिरागों को पानी से जलाते हैं
हर रोज़ दिवाली का वो आलम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
इक बार जो भी जाता है चलकर इंसान शिर्डी में
इंसान से वो मिलता है भगवान् साईं शिर्डी में
अब हर कोई कहता है क्या कम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
हिन्दू और मुस्लिम का हमदम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
काबा और काशी का संगम है शिर्डी में
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-: आज का साईं सन्देश :-
दुविधा मेरे मन बसी,
कैसे मानूँ बात ।
पर नाना के तर्क से,
मिली मुझे सौग़ात ।।
शिर्डी जाना तह किया,
गलत रेल में बैठ ।
यवन रूप समझा गये,
सही ट्रेन में बैठ ।।
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