क्या आपको वेलेन्टाइन डे से ऐतराज हैं?
तो हो सकता हैं, उसके खिलाफ कुछ ना कुछ बोलना हैं ?
तो बोल सकते है ।
पर यह क्या किसी विदेशी परम्परा के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए हम अपने ही शहिदों का मजाक उड़ा रहे हैं और वो भी सरदारों के सरदार शहीद भगत सिंह जी का मजाक?
लानत हैं, आज कल एक मैसेज बहुत ही ज्यादा प्रचार में हैं, कि 14 फरवरी सबको याद है क्योंकि उस दिन वेलेन्टाइन डे होता है, लेकिन आप शहीद भगत सिंह जी को भूल गए जिन्हे इसी दिन फांसी दी गई थी और वह भी राजगुरु और सुखदेव के साथ।
यह सत्य नहीं हैं।
सत्य यह हैं कि शहीद भगत सिंह जी को 23 मार्च के दिन सुखदेव और राजगुरु के साथ ही फांसी दी गई थी और वह भी शाम को जबकि उनकी फांसी की सजा की तारीख 24 मार्च को तय की गई थी ।
थोड़ा सा समझदार बनिए अपने ही शहीदों की कुर्बानी का मजाक ना ही उड़ाये और ना ही ऐसा किसी और को करने दे।
वंदेमातरम्
जय हिंद ।