ॐ सांई राम
कलियों में तू है फूलों में तू है,
सागर की हर एक लहरों में तू है,
कहीं भी जाऊँ बस तू ही तू है,
तुम्हारा ही नाम तुम्हारी ही पूजा,
तुम ही तुम हो कोई न दूजा,
हमें रास्तों की ज़रूरत नहीं है,
हमें तेरे क़दमों के निशान मिल गए है ...
सागर की हर एक लहरों में तू है,
कहीं भी जाऊँ बस तू ही तू है,
तुम्हारा ही नाम तुम्हारी ही पूजा,
तुम ही तुम हो कोई न दूजा,
हमें रास्तों की ज़रूरत नहीं है,
हमें तेरे क़दमों के निशान मिल गए है ...
नाज़ करूँ मैं खुद पर सांई,
सब कुछ वार दूँ तुझ पर सांई,
जब से प्यार मिला तेरा,
जब से प्यार मिला तेरा,
सुंदर दीदार मिला तेरा,
सब कुछ पा लिया मैने सांई,
दिल गद गद हो गया मेरा,
हे सांई,पाया दीदार जब से तेरा,
हे सांई,पाया दीदार जब से तेरा,
और कुछ रही ना इस मन की चाह,
सांई मैं दूँ सब कुछ तुझ पर वार,
सांई मैं दूँ सब कुछ तुझ पर वार,
किया तूने हम पतितो का उद्धार,
परमेश्वर, तेरे इस रूप को मेरा बारमबार.....
परमेश्वर, तेरे इस रूप को मेरा बारमबार.....
नमस्कार... नमस्कार... नमस्कार...