ॐ सांई राम
साँईं जी
तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
करते हो तुम सबका कल्याण |
करते हो तुम सबका कल्याण |
द्वार पे तेरे
जो भी आए खाली हाथ कभी ना जाए,
बनाते हो तुम सबके बिगड़े काम ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
बनाते हो तुम सबके बिगड़े काम ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
अपने मन
मन्दिर में जिसने तुम्हे बिठाया |
उन सभी को
तुमने गले लगाया,
कर दिया उन सब का कल्याण ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
कर दिया उन सब का कल्याण ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
तुम्ही तो हो
दीन दुखियों के सहाई |
सबकी पीड़ा
तुमने अपनाई,
सबकी बिगड़ी तुमने बनाई ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
सबकी बिगड़ी तुमने बनाई ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
पनाह दे दो
हमे भी अपने शरण में |
जीवन भर रहें
तुम्हारे चरण में,
खुशियाँ भर दो अंत:करण में ||
खुशियाँ भर दो अंत:करण में ||
साँईं जी
तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
कुविचारों को हमारे आप, मिटा दो अपने आप |
कुविचारों को हमारे आप, मिटा दो अपने आप |
बुरे पथ से हम
बचे, सचाई के पथ पर हम चले |
ऐसा करो हमारा
कल्याण
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम ||
साँईं जी
तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
करते हो तुम सबका कल्याण |
करते हो तुम सबका कल्याण |
द्वार पे तेरे
जो भी आए खाली हाथ कभी ना जाए,
बनाते हो तुम सबके बिगड़े काम ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
बनाते हो तुम सबके बिगड़े काम ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
अपने मन
मन्दिर में जिसने तुम्हे बिठाया |
उन सभी को
तुमने गले लगाया,
कर दिया उन सब का कल्याण ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
कर दिया उन सब का कल्याण ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
तुम्ही तो हो
दीन दुखियों के सहाई |
सबकी पीड़ा
तुमने अपनाई,
सबकी बिगड़ी तुमने बनाई ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
सबकी बिगड़ी तुमने बनाई ||
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
पनाह दे दो
हमे भी अपने शरण में |
जीवन भर रहें
तुम्हारे चरण में,
खुशियाँ भर दो अंत:करण में ||
खुशियाँ भर दो अंत:करण में ||
साँईं जी
तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम,
कुविचारों को हमारे आप, मिटा दो अपने आप |
कुविचारों को हमारे आप, मिटा दो अपने आप |
बुरे पथ से हम
बचे, सचाई के पथ पर हम चले |
ऐसा करो हमारा
कल्याण
साँईं जी तुम्हे मेरा शाष्टांग प्रणाम ||