तेरी महिमा सदा ही गाऊं...
पल पल गाकर तुझे रिझाऊं...
हर पल देखूं तेरी सूरत...
मन में बसे सदा ही मूरत...
श्वास श्वास में तेरा नाम...
हर क्षण बैठूं तेरे धाम...
सांई नाम भक्ति, पुजारी सारी दुनिया,
दाता एक सांई, भिखारी सारी दुनिया ||
द्वार पे सांई के है, भक्तों का मेला,
सांई निराला मेरा, सांई अलबेला,
सांई तेरे रुप ने, संवारी सारी दुनिया,
दाता एक सांई, भिखारी सारी दुनिया ||
दुखी और निर्धन, द्वार तेरे आते,
मन चाहा फल वो पल में है पाते,
तुम दुनिया के, तुम्हारी सारी दुनिया,
दाता एक सांई, भिखारी सारी दुनिया ||
तीन लोक तेरी, साईं आरती उतारे,
सांई नाम बोल अपना जीवन संवारे
शिरडी के नाथ ने, तारी सारी दुनिया,
दाता एक सांई, भिखारी सारी दुनिया||
॥अनंत कोटी ब्रम्हांड नायक राजाधिराज योगीराज परं ब्रम्हं श्री सच्चिदानंदा सदगुरु श्री साईनाथ महाराज की जय॥