ॐ साँई राम
हे साँई तू कैसा होगा......!!
हर पल कृपा बरसाता है,
हर पल कृपा बरसाता है,
पर दिखाई क्यों नहीं देता है,
तू मेरे पास है पल पल,
तू मेरे पास है पल पल,
सब कुछ मुझे बताता है,
पर सामने क्यों नहीं आता है!!
पर सामने क्यों नहीं आता है!!
साई वो नही जो तुझे गम में छोड़ देंगे,
साई वो नही जो तुझसे नाता तोड़ देंगे,
साई तो तेरे वो भगवन हैं, तेरे वो मालिक हैं,
अगर तेरी सांसे बंद होतो अपनी सांसे जोड़ देंगे...!!!!
साई तो तेरे वो भगवन हैं, तेरे वो मालिक हैं,
अगर तेरी सांसे बंद होतो अपनी सांसे जोड़ देंगे...!!!!
दुनिया में अच्छे दोस्त
बहुत कम मिलेंगे,
जीवन में सुख कम,
जीवन में सुख कम,
दुःख ज्यादा मिलेंगे,
जिस मोड़ पे दुनिया आपका साथ छोड़ देगी,
उसी मोड़ पर आपको साईनाथ मिलेंगे.....!!!!
उसी मोड़ पर आपको साईनाथ मिलेंगे.....!!!!
किसी को खिल के हंसाना ,
इससे बड़ी इबाबत नही,
इससे बड़ी इबाबत नही,
किसी को शिरडी से खाली लौटना,
श्री साई की आदत नही.....!!!!!
श्री साई की आदत नही.....!!!!!
तू ही ब्रह्म, तू ही विष्णु,
तू ही तो है विधाता,
तू ही तो है विधाता,
सब की बिगडी बनाने वाला
तू ही तो है जीवनदाता.....!!!!!
तू ही तो है जीवनदाता.....!!!!!
क्यों रखे बाबा से दूरी
भक्ति से होती इच्छा पूरी
मन चाहा फल देते है,
श्रद्धा और सबूरी .....!!!