शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Monday 18 May 2015

आज का साँई सन्देश

ॐ साँई राम


सबका मालिक एक
दुनिया में आज कितने धर्म है किस किस की इबादत लोग करते हे किसी मुस्लिम से पुचो की धरती किसने बनायीं वो ये नही कहेगा की मुहम्मद साहब ने बनायीं वो ये कहेगा की "अल्लाह" ने बनायीं. किसी ईसाई से पुचो किसने बनायीं वो इसा मसीह जी का नाम नही लेगा वो कहेगा गौड़ ने बनायीं. किसी यहूदी से पुचो किसने बनायीं वो मूसा जी का नाम नही लेगा कहेगा गौड़ ने बनायीं.किसी हिन्दू से पुचो वो ये नही कहेगा की राम जी ने बनायीं वो कहेगा की इश्वर ने बनायीं.सबने अपनी अपनी बात कह दी पर ये ""अल्लाह, गौड़, इश्वर,"" कौन हे सब जानते हे की मालिक एक ही हे मुस्लिम ने अरबी नाम बताया ईसाई ने इंग्लिश हिन्दू ने हिंदी में बताया दुनिया को सिर्फ एक सर्व शक्तिमान ने बनाया हे ...कितनी नेमते हे जो उस ऊपर वाले ने सबको दी धर्म क्या हे सिर्फ सच को मान लेना और सच्चे रास्ते पर चलना ही धर्म हे ऐसा कोई धर्म नही जो दुसरे धर्म के बेगुनाह लोगो को मारने की इजाज़त देता हो जो किसी पर जुल्म करने का हक़ देता हो धर्म तो सिर्फ सेवा और प्रेम सिखाता हे और जो सत्य सेवा और प्रेम के विरुद्ध जायेगा वो अपने धर्म का दुश्मन हे सब एक ही इश्वर की ओलाद हे फिर ये हिंसा ये मार काट ये भेद भाव क्यों हे कुछ भटके हुए लोग जो अधर्मी हे अपने लालच के लिए हिंसा का रास्ता लोगो को बता रहे हे कोई किसी की तेल सम्पद्दा पर कब्ज़ा करने के लिए किसी देश पर बहाना बना कर हमला कर रहा हे कोई किसी की ज़मीं पर कब्ज़ा करने के लिए आतंकियों को भेज रहा हे कोई सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए किसी की भावनाओ को किसी विशेष समुदाय के खिलाफ भड़का रहा हे और हम सब उनके हाथो की कटपुतली बने हुए हे हमारी बुद्धि ये काम नही कर रही की हम इश्वर की संतानों को मार रहे हे फिर इश्वर केसे हमें जन्नत देगा मारना तो उसे चाहिए जो हम सबको इस्तेमाल कर रहा हे .....जो लोग मंदिर मस्जिद या गिरजा घर तोड़ते हे वो इश्वर के घर को तोड़ते हे वो सब पापी लोग हे उन्हें इश्वर का उपासक होने का ढोंग नही करना चाहिए क्योकि अगर सच्चा भक्त होगा तो इश्वर के घर को न तोड़ेगा वो तो अधर्मी और नास्तिक हे सिर्फ सत्ता का लोभी हे.. जो धार्मिक फसाद करने चाहे उसका सामाजिक बहिष्कार करो क्योकि हमारा समाज अब तरक्की चाहता हे इसलिए ओ नोजवानो इश्वर को समझो और हिंदुस्तान के विकास के लिए आगे बडो हिन्दू या मुस्लिम बाद में बनो पह् ले पहले इंसान की ओलाद हो इंसान बनो।
सबका मालिक एक

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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.