मेरा मानना है कि हर इंसान को pk बन जाना चाहिए,
क्योकि भगवान मंदिर, गिरजाघर की घंटियों, मस्जिद से उठने वाली अजानो या फिर किसी भी प्रकार के दिखावटी पूजन में नहीं बसता......
......उसका सही पता तो गरीब की भूख और प्यास हैं
एक फकीर ने सारा जीवन
कफनी में ही बिता डाला
चाहना कब थी, जो तुमने
फकीर को रेशम औढ़ा डाला
हजारों लीटर दुध बहा दिया
पत्थर को स्नान कराये के
एक कतरा मिल जाता गर
भूखे पेट ना मरते बच्चे गरीब के
उदी देकर सबक दे रहा
अंत का हाल बताये
अंधा भक्त ना बन रे पगले
ज्ञान को समझ में लाये
करम थे तेरे कब उजले जो
तू नाम अपने के ढोल बजाये
तेरा किया आगे आयेगा
वचन साँई जी के यह बताये
जिसको माने गुरु अपना
उसकी ही बात ना माने
पड़े जरूरत जिसे तेरी
उसको ही भगवन जाने
मस्जिद बनी तो मुल्ला पूजे
पंडित मंदिर में आरती गाये
जब सभी का मालिक हैं
किसी भी रूप में पूजा जाये
जूते पहन कर मंदिर में
जाये सो पाप लग जाये
पाप नहीं उस पापी को
जो मंदिर लाशों पे बनाये।