शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Tuesday 18 December 2012

न कोई आये न कोई .....

ॐ सांई राम
 
न कोई आये न कोई जाये |
वो आये वो जाये
आते जाते, जाते आते
वो ही राह दिखाए ||


हर हरकत मैं बरकत उसका
प्यार भी उसका नफरत उसकी |
खंडहर भी वो शहर भी वो है ,
अमृत भी वो ज़हर भी वो है |
वो चाहे तो प्याला भर दे
वो चाहे तो खाली कर दे .
ताक़त वो कमजोरी भी वो
कठपुतली वो डोरी भी वो 

नाच उसकी मर्जी की धुन पर
जैसे नाच नचाये ..
न कोई आये न कोई .....

तेरे सामने गीत है उसका
तेरे पास संगीत है उसका .
तेरे सामने उसकी माला
तेरे पास तेरा रखवाला .
तेरे सामने सांज है उसके
तेरे सब राज़ है उसके .
तेरे सामने उसकी ज्योति
तेरे पास पूजा के मोती 

फिर दुनिया के नाकि धन से
काहे प्यार बढाए ..
न कोई आये न कोई .....
धरती से आकाश का रिश्ता ,
दूर का रिश्ता, पास का रिश्ता .
साग़र से नदिया का बंधन
बिजली से बरखा का बंधन .
सड़को से गलियों का नाता .
सावन के झूलों के रिश्ते
माटी के फूलों के रिश्ते .
साईं के इस जोड़-तोड़ पर
तू क्यों चैन गवाए ..
न कोई आये न कोई .....

आप सभी के लिये शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप की एक और पेशकश
दिनांक 21 दिसम्बर 2012 से प्रत्येक शुक्रवार को हम आप के लिये भागवत गीता का एक अध्याय प्रस्तुत करने जा रहे है । आशा करते है की आप हमारे इस प्रयास को अवश्य स्वीकारेंगे एवं आप के आज तक के सहयोग एवं सराहना ने ही हमें आप के समक्ष इस महापुराण को सन्मुख करने की प्रेरणा दी है, हम आपके सहयोग के लिये आप सभी का आभार व्यक्त करते है
हम आशा करते है की आप किसी भी प्रकार की त्रुटी हेतु हमें ह्रदय से क्षमा प्रदान करेंगे..
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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.