शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

************************************

निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

************************************

Saturday, 8 September 2012

चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा

ॐ सांई राम

***************************************************************
हुये नामवर बेनिशाँ कैसे कैसे, ज़मीं खा गई नौजवान कैसे कैसे
***************************************************************

आज जवानी पर इतराने वाले कल पछतायेगा,
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा


तू यहाँ मुसाफिर है ये सराय फानी है, चार रोज़ की मेहमाँ तेरी जिंदगानी है
धन, ज़मीं, ज़र, ज़ेवर कुछ न साथ जायेगा, ख़ाली हाथ आया है ख़ाली हाथ जायेगा
जान कर भी अनजाना बन रहा है दीवाने, अपनी उम्र फानी पर तन रहा है दीवाने
किस क़दर तू खोया है, इस जहां के मेले में, तू खुदा को भूला है फस के इस झमेले में
आज तक ये देखा है, पाने वाला खोता है, जिंदगी को जो समझा जिंदगी पे रोता है
मिटने वाली दुनिया का ऐतबार करता है, क्या समझ के तू आख़िर इस से प्यार करता है
अपनी अपनी फ़िकरों में जो भी है वो उलझा है, जिंदगी हक़ीक़त में क्या है कौन समझा है
आज समझ ले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा, ओ गफलत की नींद में सोने वाले धोखा खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा, चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा

मौत ने ज़माने को ये समां दिखा डाला, कैसे कैसे रुस्तम को ख़ाक में मिला डाला
याद रख सिकंदर के हौसले तो आली थे, जब गया था दुनिया से दोनों हाथ ख़ाली थे
अब न वो हलाकू हों और न उसके साथी हैं, जंगजू ओ पोरस है और न उसके हाथी हैं
कल जो तन के चलते थे, अपनी शानो शौक़त पर, शम्मा तक नहीं जलती आज उनकी दुरबत पर
अदना हो आला हो सब को लौट जाना है, मुफलिसों कवंगर का क़ब्र की ठिकाना है
जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा, सर को उठा के चलने वाला इक दिन ठोकर खायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा, चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा

मौत सब को आनी है, कौन इससे छूटा है, तू फनाह नहीं होगा ये ख्याल झूठा है
साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे, बाप माँ बहिन बीवी बच्चे छूट जायेंगे
तेरे जितने हैं भाई, वक़्त का चलन देंगे, छीन कर तेरी दौलत दो ही गज़ क़फ़न देंगे
जिनको अपना कहता है कब ये तेरे साथी हैं, क़ब्र है तेरी मंजिल और ये बाराती हैं
लाके क़ब्र में तुझको बुर्का बाँध डालेंगे, अपने हाथों से तेरे मुँह पे ख़ाक डालेंगे
तेरी सारी उल्फत को ख़ाक में मिला देंगे, तेरे चाहने वाले कल तुझे भुला देंगे
इसलिए ये कहता हूँ ख़ूब सोच ले दिल में, क्यों फ़साये बैठा है जान अपनी मुश्किल में
कर गुनाहों से तौबा आ के बाद संभल जाए, दम का क्या भरोसा है जाने कब निकल जाए
मुट्ठी बाँध के आने वाले हाथ पसारे जायेगा, धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा
चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा, चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा


For Daily SAI SANDESH Click at our Group address : http://groups.google.com/group/shirdikesaibaba/boxsubscribe?p=FixAddr&email
Current email address :
shirdikesaibaba@googlegroups.com

Visit us at :






For Daily Sai Sandesh Through SMS:


Type ON SHIRDIKESAIBABAGROUP
In your create message box
and send it to
+919870807070
Please Note : For Donations
Our bank Details are as follows :
A/c-Title -Shirdi Ke Sai Baba Group
A/c.No-0036DD1582050
IFSC -INDB0000036
IndusInd Bank Ltd,
N-10/11,Sec-18,
Noida-201301.
For more details Contact :
Anand Sai (Mobile)+919810617373 or mail us

For Donation

For donation of Fund/ Food/ Clothes (New/ Used), for needy people specially leprosy patients' society and for the marriage of orphan girls, as they are totally depended on us.

For Donations, Our bank Details are as follows :

A/c - Title -Shirdi Ke Sai Baba Group

A/c. No - 200003513754 / IFSC - INDB0000036

IndusInd Bank Ltd, N - 10 / 11, Sec - 18, Noida - 201301,

Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh. INDIA.

बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.