साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
वो अमीरों फकीरों के सुलतान, और लाखों करोड़ों के अरमान हैं
वो सभी को खिलाते हैं संसार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
अपनी कफनी में दुनिया समाये हैं वो, देखो रूप अनोखा लाये हैं वो
गुल खिलाते हैं देखो वो अंगार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
जिनपे चश्मे करम साईं बाबा का हो, उनके तकदीर बन जाते हैं दोस्तो
कीजिये अर्ज़ साईं की सरकार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
नाम उनका हमें कितना प्यारा लगे, जैसे बहती हो अमृत की धारा लगे
गीत गाये सभी भक्त बड़े प्यार से, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
सबका मालिक है साईं के अवतार में, सबका मालिक है साईं के अवतार में
साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
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वो अमीरों फकीरों के सुलतान, और लाखों करोड़ों के अरमान हैं
वो सभी को खिलाते हैं संसार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
अपनी कफनी में दुनिया समाये हैं वो, देखो रूप अनोखा लाये हैं वो
गुल खिलाते हैं देखो वो अंगार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
जिनपे चश्मे करम साईं बाबा का हो, उनके तकदीर बन जाते हैं दोस्तो
कीजिये अर्ज़ साईं की सरकार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
नाम उनका हमें कितना प्यारा लगे, जैसे बहती हो अमृत की धारा लगे
गीत गाये सभी भक्त बड़े प्यार से, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
सबका मालिक है साईं के अवतार में, सबका मालिक है साईं के अवतार में
साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में, साईं रहते हैं शिर्डी के दरबार में
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-: आज का साईं सन्देश :-
उनसे क्यों तुलना करें,
बाबा शिर्डी साय ।
बाबा कह हेमांड जब,
मेरी समझ न आय ।।
आये मन में नम्रता,
अभिमान छुड़वाय ।
मम चतुराई देखकर,
बाबा मुझे बुलाय ।।
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