शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Wednesday, 6 April 2011

साईं की श्रद्धा का रंग..........


ॐ सांई राम
 
मुझे तूने बाबा बहुत कुछ दिया है
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का
इसी पर गुज़ारा मेरी जिन्दगी का
मिला मुझको जो कुछ तुम्ही से मिला है
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है
ओम साईं राम ........
 
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मै नहीं मेरा नहीं यह तन गुरु का है दिया
जो भी अपने पास है वह धन गुरु का है दिया
देने वाले ने दिया वो भी दिया किस शान से
लेने वाला कह उठा मेरा है यह अभिमान से
जो भी मिला वो हमेशा पास रह सकता नहीं
कब बिछड जाए ये राज़ कह सकता नहीं
जिन्दगानी का किला मधुबन गुरु का है दिया....
 
!!! ॐ साईं राम !!!
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अब बस चढ़ जाए ऐसा रंग,
मेरे साईंके प्यार का रंग,
मेरे बाबा की प्रीत का रंग,

साईं की श्रद्धा का रंग,
बाबा की सबुरी का रंग

...मेरे बाबा का रंग,

शुद्धता का रंग ,
तन मन की पवित्रा का रंग
सब तरफ बाबा का रंग
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ये दुनिया पागलखाना है

कोई रूप रंग का पागल है, कोई पागल मान बढाई का...

कोई धन वैभव का पागल है, कोई पागल है चतुराई का...

कोई बल कौशल का पागल है, कोई पागल है कविताई का...

लेकिन सबसे बड़ा वो पागल है, जो पागल है साई का...

Special thanks to all my friends who have send me these beautiful lines.......

Shirdi Ke Sai Baba Group (Regd.) Seeking Sponsreship for the modification of our website and launch of our Group's first Bhajan Mala Album : Main Balihari..................Mere Sai...................  
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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.