शिर्डी के साँई बाबा जी की समाधी और बूटी वाड़ा मंदिर में दर्शनों एंव आरतियों का समय....

"ॐ श्री साँई राम जी
समाधी मंदिर के रोज़ाना के कार्यक्रम

मंदिर के कपाट खुलने का समय प्रात: 4:00 बजे

कांकड़ आरती प्रात: 4:30 बजे

मंगल स्नान प्रात: 5:00 बजे
छोटी आरती प्रात: 5:40 बजे

दर्शन प्रारम्भ प्रात: 6:00 बजे
अभिषेक प्रात: 9:00 बजे
मध्यान आरती दोपहर: 12:00 बजे
धूप आरती साँयकाल: 5:45 बजे
शेज आरती रात्री काल: 10:30 बजे

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निर्देशित आरतियों के समय से आधा घंटा पह्ले से ले कर आधा घंटा बाद तक दर्शनों की कतारे रोक ली जाती है। यदि आप दर्शनों के लिये जा रहे है तो इन समयों को ध्यान में रखें।

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Thursday, 23 September 2010

Happy Baba's Day

मैनें एक दिन बाबा से पूछा कि खूबसूरती क्या है??

तो वो मुस्कुरा कर बोले,
खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है,

वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए,
वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और,

वो जज़्बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे,
वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो,

वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए,
वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ,

वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल|
फिर मैनें बाबा से कहां - ऐसी खुबसूरती हम सबको बक्श दो साईं|
जय साईं राम
किसी के लिये कुछ करके यदि आपको अभिमान होता है कि आपने दूसरों के लिये कुछ अच्छा किया है तो यह आपकी गलती है। क्योंकि जो भी योग्यता, कला, ज्ञान आपके पास है वह समाज से ही आपको प्राप्त हुआ है। यदि तुम इसका प्रयोग समाज के लिये करते हो तो यह कोई महान कार्य नहीं है। यदि आपको इस बात का अभिमान है तो आपमे अहंकार विकसित हो रहा है और यह आपको मेरेपन की ओर ले जाता है।
जो व्यक्ति अच्छे भाव रखता है और अच्छे विचारों के विषय में सोचता है वह प्रकृति और जनसामान्य में केवल अच्छाई देखेगा, तुम्हें अच्छे कार्यों को ही यादरखने के लिए स्मरण शक्ति दी गई है,उन अच्छीबातों को उस समय तक याद करो जब तक कि तुम सर्वोच्च अच्छाई - ईश्वर को याद न कर लो |


A person who feels good emotions, and thinks good thoughts, and sees only good in nature and people, will remember only good.Memory was given to you to practice the recollection of good things until you can fully remember the highest Good, God.

"साईं ऐसी दया की मूर्ति हैं! उनका अपने भक्तों के प्रति वैसा ही स्नेह है, जैसा कि माँ का अपने नन्हे शिशु के प्रति होता है!"

"देवताओं को भक्तो, साधु और संत अपने जीवन से अधिक प्रिय होते हैं और उन्ही की  इच्छानुसार वे कार्य करते हैं I उनके लिए देवता धरती पर प्रकट होते हैं I"
Gods love their devotees and their Saints and Sages more than themselves. Gods heeds their words and take human birth for their sake.
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बाबा के 11 वचन

ॐ साईं राम

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा
2. चढ़े समाधी की सीढी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी कर
3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौडा आऊंगा
4. मन में रखना द्रढ विश्वास, करे समाधी पूरी आस
5. मुझे सदा ही जीवत जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो
6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो कोई तो मुझे बताए
7. जैसा भाव रहे जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मनका
8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा
9. आ सहायता लो भरपूर, जो माँगा वो नही है दूर
10. मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया
11. धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य

.....श्री सच्चिदानंद सदगुरू साईनाथ महाराज की जय.....

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः॒ स्वः॒
तत्स॑वितुर्वरे॑ण्यम्
भ॒र्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि।
धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त्॥

Word Meaning of the Gayatri Mantra

ॐ Aum = Brahma ;
भूर् bhoor = the earth;
भुवः bhuwah = bhuvarloka, the air (vaayu-maNdal)
स्वः swaha = svarga, heaven;
तत् tat = that ;
सवितुर् savitur = Sun, God;
वरेण्यम् varenyam = adopt(able), follow;
भर्गो bhargo = energy (sin destroying power);
देवस्य devasya = of the deity;
धीमहि dheemahi = meditate or imbibe

these first nine words describe the glory of Goddheemahi = may imbibe ; pertains to meditation

धियो dhiyo = mind, the intellect;
यो yo = Who (God);
नः nah = our ;
प्रचोदयात prachodayat = inspire, awaken!"

dhiyo yo naha prachodayat" is a prayer to God


भू:, भुव: और स्व: के उस वरण करने योग्य (सूर्य) देवता,,, की (बुराईयों का नाश करने वाली) शक्तियों (देवता की) का ध्यान करें (करते हैं),,, वह (जो) हमारी बुद्धि को प्रेरित/जाग्रत करे (करेगा/करता है)।


Simply :

तीनों लोकों के उस वरण करने योग्य देवता की शक्तियों का ध्यान करते हैं, वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।


The God (Sun) of the Earth, Atmosphere and Space, who is to be followed, we meditate on his power, (may) He inspire(s) our intellect.