शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Saturday, 24 December 2016

साईं वाणी (भाग 5)

ॐ सांई राम


साईं वाणी (भाग 5)
साईं कृपा भरपूर मैं पाऊँ, प्रथम प्रभु को भीतर लाऊँ |

साईं ही साईं साईं कह मीत, साईं सेकर ले सच्ची प्रीत ||



साईं ही साईं का दर्शन करिये, मन भीतर इक आनंद भरिये |

साईं की जब मिल जाये भिक्षा, फिर मन में कोई रहे न इच्छा ||



जब जब मन का तार हिलेगा, तब तब साईं का प्यार मिलेगा |

मिटेगी जग से आनी जानी, जीवन मुक्त होये यह प्राणी ||



शिर्डी के हैं साईं हरि, तीन लोक के नाथ |


बाबा हमारे पावन प्रभु, सदा के सँगी साथ ||



साईंधुनी जब पकड़े ज़ोर , खींचें साईं प्रभु अपनी ओर |

मंदिर मंदिर बस्ती बस्ती, छा जाये साईं नाम की मस्ती ||



अमृतरूप साईं गुणगान, अमृत कथन साईं व्याख्यान |

अमृत वचन साईं की चर्चा, सुधा सम गीत साईं की अर्चा ||



शुभ रसना वही कहावे, साईं राम जहाँ नाम सुहावे |

शुभ कर्म है नाम कमाई, साईं नाम परम सुखदाई ||



जब जी चाहे दर्शन पाइये, जय जयकार साईं की गाइये |

साईं नाम की धुनी लगाइये, सहज ही भाव सागर तर जाइये ||


बाबा को भजें निरंतर, हर दम ध्यान लगावे |
बाबा में मिल जावे अंत में, जनम सफल हो जावे ||

===ॐ  साईं  श्री  साईं  जय जय  साईं===