शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Wednesday, 28 July 2021

ये ही साँई का सार है

ॐ साँई राम जी



ज्यूँ भीगी मिट्टी की सुगंध
कस्तूरी सी महकती है
त्यूँ ही साँई तेरी उदी
चमत्कार नित करती है

सरकार मेरे साँईं की
सबकी पालनहार है
एक है मालिक सभी धर्मों का
ये ही साँई का सार है

नशा चढ़ा तेरा ऐसा सिर चढ़ बोला
तू ही मात दूर्गा तू ही है शिव भोला

मेरी ऐसी करनी की मात मेरी पछताये
तेरी ऐसी मेहर हुई की दुनिया तेरे पीछे आये

शिव है संकटहारी
शिव ही है त्रिपुरारी
तेरी महिमा अति सुंदर
लागे मोहे अति प्यारी