शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप (रजि.)

Tuesday, 27 July 2021

इक तेरा दर ही काफी है

ॐ साँई राम जी



जन्नत की आरजू है किसे
इक तेरा दर ही काफी है
हर पापी को मिलती मुक्ति यहाँ
हर सजा की मिलती माफी हैं

करूँ सजदे तेरी चौखट पर
टेँकू माथा मैं यहाँ बारम्बार
तेरी लीला हैं बड़ी निराली
तेरी महिमा अपरम्पार

कहते हैं दुनिया वाले मुझको तेरा दिवाना
तू ही एक शमां है और मैं तेरा परवाना
मुझको ललक लगी तेरी लौ की ऐसी
चाहूँगा मैं इसमें बार बार जल जाना