खाना खाना एक पवित्र अनुष्ठान की तरह है
खाना खाना एक पवित्र अनुष्ठान की तरह है, एक यझ है। इसे चिंता या भावनात्मक क्षणों के दौरान नहीं किया जाना चाहिए। भोजन को भूख के बीमारी के लिए दवा के रूप में लिया जाना चाहिए और यह जीवन के लिए जीविका के रूप में है। तुम्हे आने वाले परिशानियो को देखकर अपने लिए भाग्यशाली मौका समझना चाहिए ताकि आप इस अवसर का उपयोग अपने आपको मन और आत्मिक शक्ति का विकास कर सकेंगे।
Eating food is a holy ritual, a Yajna. It should not be performed during moments of anxiety or emotional upheavals. Food should be considered as medicine for the illness of hunger and as the sustenance for life. Treat each trouble you encounter as a fortunate opportunity to develop your strength of mind and toughen you spiritually.